
जालौन, 26 मई (Udaipur Kiran) । जनपद जालौन के गौरव और प्रसिद्ध इतिहासकार डॉ. हरी मोहन पुरवार व उनकी धर्मपत्नी सन्ध्या पुरवार को ‘विश्व रत्न सम्मान’ और ‘डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम सम्मान’ से नवाज़ा गया है। यह सम्मान उन्हें क्रमशः वर्दी वैलनेस फाउंडेशन की संस्थापिका सौम्या बाजपेई और डॉ. एपीजे अब्दुल कलाम पुरस्कार के संस्थापक निदेशक
राम मोहन बाजपेई द्वारा प्रदान किया गया। डॉ. हरी मोहन ने सोमवार को (Udaipur Kiran) प्रतिनिधि से बताया कि दोनों संस्थाओं ने हमें ऑनलाइन पुरस्कार उपलब्ध करा दिया है।
डॉ. हरी मोहन पुरवार ने वर्ष 1996 में बुंदेलखंड विश्वविद्यालय से जनपद के मध्यकालीन प्राचीन भवनों का ऐतिहासिक मूल्यांकन विषय पर पीएचडी की उपाधि प्राप्त की थी। वे अब तक बुंदेलखंड के इतिहास और संस्कृति पर 18 पुस्तकें लिख चुके हैं, जिनके लेखन में उनकी पत्नी सन्ध्या पुरवार का विशेष योगदान रहा है। यह दंपत्ति बुंदेलखंड क्षेत्र में प्राचीन धरोहरों के संग्रह और संरक्षण के लिए विशेष पहचान रखता है।
पुरवार दम्पत्ति के संग्रह में विभिन्न प्रकार के दुर्लभ शंख, सीप, कोड़ियां, ताम्रयुगीन और सातवाहन काल के पुरावशेष, प्राचीन सिक्के, आभूषण, घरेलू उपकरण, धार्मिक मूर्तियाँ, डाक टिकटें और माचिस बॉक्स शामिल हैं। वर्ष 2020 में डॉ. हरी मोहन पुरवार का नाम उनके सिक्का संग्रह के लिए लिम्का बुक ऑफ इंडिया रिकॉर्ड्स में दर्ज किया गया था।
पिछले 40 वर्षों से यह दंपत्ति विभिन्न स्कूलों और कॉलेजों में जाकर विद्यार्थियों को प्राचीन धरोहरों के संरक्षण के प्रति जागरूक कर रहा है। प्रदर्शनी और संवाद के माध्यम से वे युवा पीढ़ी में ऐतिहासिक और सांस्कृतिक चेतना का संचार करते आ रहे हैं।
इस विशिष्ट सम्मान से पुरवार परिवार, उनके इष्टमित्रों और क्षेत्रवासियों में अपार हर्ष का वातावरण है। बधाइयों का सिलसिला लगातार जारी है। जनपद के लिए यह गौरव का क्षण है कि उसकी धरती पर ऐसे समर्पित और संस्कृति प्रेमी व्यक्तित्व निवास करते हैं।
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(Udaipur Kiran) / विशाल कुमार वर्मा
