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नागपुर में संघ मुख्यालय की रेकी करने वाले जैश के आतंकी की जमानत अर्जी खारिज

file photo Nagpur bench of HC

नागपुर, 21 मार्च (Udaipur Kiran) । राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ मुख्यालय की रेकी करने वाले जैश-ए-मोहम्मद के आतंकवादी रईस अहमद शेख की जमानत याचिका शुक्रवार को बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर पीठ ने खारिज कर दी। निचली अदालत से अर्जी खारिज होने के बाद उसने 11 मार्च को बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच में जमानत के लिए अर्जी दी थी।

रईस का पूरा नाम रईस अहमद शेख असदुल्ला शेख है और वह जम्मू-कश्मीर के पुलवामा के पोरा का रहने वाला है। आतंकी संगठन जैश-ए-मोहम्मद के लिए काम करने वाले रईस पर आरोप है कि वह देश में कोरोना महामारी के दौरान नागपुर के महल इलाके में स्थित राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के मुख्यालय की रेकी कर रहा था। इसके अलावा रेशमबाग इलाके में स्थित डॉ. हेडगेवार स्मृति मंदिर की भी उसने रेकी की थी। महाराष्ट्र एटीएस ने उसे 15 सितंबर, 2021 को गिरफ्तार किया था। तब से जैश-ए-मोहम्मद का यह आतंकी नागपुर की सेंट्रल जेल में बंद है। रईस ने निचली अदालत में जमानत के लिए अर्जी दी थी, लेकिन अर्जी खारिज होने के बाद उसने 11 मार्च को बॉम्बे हाई कोर्ट की नागपुर बेंच में जमानत के लिए अर्जी दी थी।

इस मामले में शुक्रवार को हाई कोर्ट में हुई सुनवाई के दौरान आतंकी के वकील निहाल सिंह राठौड़ ने न्यायालय को बताया कि यह साबित करने के लिए कोई सबूत नहीं है कि उसने किसी भी गैरकानूनी गतिविधि को अंजाम देने के लिए उपरोक्त स्थानों की टोह ली थी। नतीजतन रईस को जमानत मिलनी चाहिए। इस पर सरकारी वकील देवेन्द्र चौहान ने अदालत को बताया कि यह साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत हैं कि आरोपित शेख प्रतिबंधित आतंकवादी संगठन जैश-ए-मोहम्मद से जुड़ा है। इससे पहले रईस के खिलाफ जम्मू-कश्मीर में जिंदा ग्रेनेड रखने के आरोप में केस दर्ज किया जा चुका है। दोनों पक्षों की दलीलें सुनने के बाद अदालत ने उपलब्ध साक्ष्यों के आधार पर रईस को जमानत देने से इनकार कर दिया। न्यायालय ने बताया कि राष्ट्रीय सुरक्षा के लिए रईस को जेल में रखना जरूरी है।

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(Udaipur Kiran) / मनीष कुलकर्णी

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