नई दिल्ली, 08 दिसंबर (Udaipur Kiran) । विदेश मंत्री डॉ एस. जयशंकर ने कहा कि भारत वैश्विक स्तर पर संघर्ष को फैलने से रोकने और सुरक्षा को बढ़ावा देने के प्रयास कर रहा है।
बहरीन में मनामा डायलॉग्स को संबोधित करते हुए डॉ जयशंकर ने कहा कि राजनीतिक-कूटनीतिक सहयोग वास्तव में संघर्ष को और फैलने से रोकने से जुड़ा है। हाल के दिनों में इज़राइल और ईरान के बीच संबंधों का न होना विशेष रूप से चिंता का विषय है। ऐसे में हमारे कुछ कूटनीतिक प्रयास उस विशेष पहलू पर केंद्रित रहे हैं। लाल सागर में भी कुछ ऐसी ही स्थिति रही है।
उन्होंने कहा कि हम अब्राहम समझौते के समर्थक रहे हैं और कुछ साल पहले, हमने आई2यू2 नामक एक समूह शुरू किया था, जिसमें भारत, इज़राइल, अमेरिका और यूएई शामिल हैं। यह अब भी अपेक्षाकृत शुरुआती चरण में है और हमें निश्चित रूप से उम्मीद है कि आने वाले दिनों में यह एक ऐसा समूह होगा जो बढ़ेगा।
उन्होंने कहा कि राजनीतिक-कूटनीतिक प्रवृत्ति से परे, रणनीतिक क्षेत्रीय सहयोग का दूसरा क्षेत्र सुरक्षा है। इस क्षेत्र में हमारे सामने बहुत गंभीर सुरक्षा चुनौतियां हैं, जिनका एशिया में व्यापार पर बहुत गहरा और विनाशकारी प्रभाव पड़ा है। हम उस स्थिति को कम करने की कोशिश में रुचि रखते हैं। इसलिए हमने वास्तव में इस क्षेत्र में अदन की खाड़ी, सोमालिया, उत्तरी अरब सागर में नौसेना की उपस्थिति दर्ज कराई है। पिछले साल लगभग 30 जहाज वहां तैनात थे, एक समय में अधिकतम 12 जहाज वहां तैनात थे। और पिछले साल हमने वास्तव में 24 वास्तविक घटनाओं का जवाब दिया, 250 जहाजों को बचाया, 120 चालक दल के सदस्यों को बचाया। इसलिए हम अपना योगदान दे रहे हैं।
—————
(Udaipur Kiran) / अनूप शर्मा