HimachalPradesh

गेस्ट टीचर पॉलिसी काे लेकर जयराम ठाकुर ने सरकार पर साधा निशाना 

jai ram thakur

शिमला, 15 दिसंबर (Udaipur Kiran) । पूर्व मुख्यमंत्री एवं नेता प्रतिपक्ष जयराम ठाकुर ने प्रदेश सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार ने प्रदेश के लोगों को बार-बार भरोसा दिया, लेकिन गेस्ट टीचर पॉलिसी के तहत शिक्षकों की भर्ती करने का नियम लेकर आई है जिसे पहले ही प्रदेश के युवाओं ने विरोध किया था। उन्होंने कहा कि सरकार ने पहले इस पॉलिसी को वापस लेने का वादा किया था, लेकिन अब वह इसे फिर से लागू करने का प्रयास कर रही है।

जयराम ठाकुर ने कहा कि गेस्ट टीचर पॉलिसी के तहत शिक्षक छात्रों को घंटे के हिसाब से पढ़ाएंगे। यह सरकार की नाकामी का प्रतीक है क्योंकि इससे प्रदेश के युवाओं को पक्की नौकरी के बजाय अस्थाई और असुरक्षित रोजगार की स्थिति का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार के मुख्यमंत्रियों, उपमुख्यमंत्रियों और शिक्षा मंत्रियों ने चुनाव के समय युवाओं को वादा किया था कि उन्हें स्थायी नौकरी और पेंशन मिलेगी लेकिन अब सरकार उन्हें घंटे के हिसाब से काम देने की योजना बना रही है।

नेता प्रतिपक्ष ने कहा कि शिक्षा पर सरकार का ध्यान नहीं है, जिससे प्रदेश में सरकारी स्कूलों से अभिभावक धीरे-धीरे किनारा कर रहे हैं। इस सरकार की नाकामी के कारण इस सत्र में अभिभावक सरकारी स्कूलों से दूरी बना रहे हैं। 500 से ज्यादा सरकारी स्कूल बंद कर दिए गए हैं, यह सरकार की प्राथमिकता में शिक्षा का अभाव और प्रदेशवासियों के प्रति उपेक्षा को दर्शाता है।

जयराम ठाकुर ने सरकार पर शिक्षा के क्षेत्र में विफलता का आरोप लगाते हुए कहा कि सरकारी स्कूलों में एडमिशन की संख्या दिन-ब-दिन घट रही है। प्रदेश में सरकारी स्कूलों में एडमिशन की हिस्सेदारी पूर्व सरकार के मुकाबले आधी रह गई है। हमारी सरकार में यह 59 प्रतिशत थी, जबकि वर्तमान में यह घटकर 32 प्रतिशत हो गई है। उन्होंने कहा कि यह स्थिति इस बात को दर्शाती है कि सरकार ने शिक्षा व्यवस्था पर ध्यान नहीं दिया और प्रदेश के अभिभावकों का विश्वास खो दिया है।

उन्होंने आंकड़ों का हवाला देते हुए कहा कि सुक्खू सरकार के दो साल के कार्यकाल में सरकारी स्कूलों के लिए छात्रों की संख्या में निरंतर गिरावट आई है। जब हमारी सरकार सत्ता में आई थी, तब सरकारी स्कूलों में छात्रों का एडमिशन 48 प्रतिशत था, जिसे हमने बढ़ाकर 59 प्रतिशत किया था लेकिन अब स्थिति खराब हो गई है।

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(Udaipur Kiran) शुक्ला

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