जयपुर, 4 दिसंबर (Udaipur Kiran) । ग्रीनपीस इंडिया द्वारा जारी की गई एक नई रिपोर्ट, “उत्तर भारत से परे: सात प्रमुख भारतीय शहरों में एनओ टू प्रदूषण और स्वास्थ्य जोखिम”, में जयपुर में नाइट्रोजन डाइऑक्साइड प्रदूषण के खतरनाक स्तर का खुलासा हुआ है।
ग्रीनपीस इंडिया में क्लाइमेट जस्टिस कैम्पेनर सेलोमी गार्नियाक ने कहा कि “यह रिपोर्ट एक महत्वपूर्ण सत्य को पेश करती है: वायु प्रदूषण दिल्ली या उत्तर भारत तक सीमित नहीं है। भारत के शहरों में उच्च एनओ टू स्तरों में परिवहन क्षेत्र का सबसे बड़ा योगदान है। जैसे-जैसे शहर बढ़ते हैं, निजी वाहनों के बढ़ने से हवा की गुणवत्ता खराब होती है और सार्वजनिक स्वास्थ्य खतरे में पड़ता है। इससे निपटने के लिए, हमें एक स्थायी, कुशल सार्वजनिक परिवहन प्रणाली की ओर बुनियादी बदलाव की आवश्यकता है। स्वच्छ, अधिक सुलभ पारगमन विकल्पों में निवेश करना केवल एक पर्यावरणीय आवश्यकता नहीं है, यह एक तत्काल सार्वजनिक स्वास्थ्य अनिवार्यता है। सरकार को स्वस्थ भविष्य सुनिश्चित करने के लिए स्वच्छ गतिशीलता समाधानों को प्राथमिकता देनी चाहिए।”
एनओ टू की उच्चतम वार्षिक औसत वाला स्टेशन आदर्श नगर था, जिसने कम कठोर भारतीय राष्ट्रीय मानक का भी उल्लंघन किया।
विश्व स्वास्थ्य संगठन (डब्ल्यूएचओ) की सिफारिश है कि हवा में एनओ टूकी वार्षिक औसत सांद्रता 10 µg/m3 से अधिक नहीं होनी चाहिए, जबकि एनएए क्यूएस द्वारा सिफारिश की गई वार्षिक औसत 40 µg/m3 है। तीन स्टेशन (आदर्श नगर, पुलिस कमिश्नरेट, शास्त्री नगर) में वर्ष के 60 प्रतिशत से अधिक समय में एनओ टू की सांद्रता इस दिशा निर्देश से अधिक पाई गई। आदर्श नगर स्टेशन ने डब्ल्यूएचओ दिशानिर्देश से 277 दिन अधिक दर्ज किए।
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(Udaipur Kiran)