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जयपुर एलपीजी ब्लास्ट : आज दाे लोगों ने दम तोड़ा, अब भी 16 गंभीर हालत में भर्ती

आग इतनी तेजी से फैली थी कि 40 से ज्यादा गाड़ियां उसकी चपेट में आ गईं थीं।

जयपुर, 25 दिसंबर (Udaipur Kiran) । जयपुर एलपीजी टैंकर ब्लास्ट में गंभीर रूप से झुलसे युवती सहित दो और लोगों ने बुधवार को सवाई मान सिंह हॉस्पिटल में दम तोड़ दिया। इसी के साथ पिछले चार दिन में मरने वालों की संख्या 17 हो गई है। बुधवार सुबह प्रतापगढ़ निवासी विजेता (22) और पावटा (जयपुर) के पास भुरीबड़ाज निवासी विजेंद्र (36) ने दम तोड़ दिया है। विजेता और विजेंद्र क्रमश: 70-70 प्रतिशत झुलसे थे। गंभीर रूप से झुलसे 16 मरीजों का अभी सवाई मान सिंह हॉस्पिटल के बर्न वॉर्ड में इलाज चल रहा है।

मेडिकल बोर्ड से पोस्टमॉर्टम होने के बाद शव परिजनों को दिए जाएंगे।

एसएमएस हॉस्पिटल के प्लास्टिक सर्जन डॉक्टर राकेश जैन ने बताया कि अब तक 17 लोगों की मौत हो चुकी है। मंगलवार को दो लोगों की मौत के बाद बुधवार को भी सुबह दो लोगों ने दम तोड़ा, जिनमे एक महिला और एक युवक शामिल है। अब दो गम्भीर रूप से घायल मरीजों को वेंटिलेटर पर रखा गया है। इन्हें मिलाकर कुल 16 मरीजों का इलाज चल रहा है। इसके अलावा पांच अन्य मरीजों को डिस्चार्ज किया जा चुका है।

जयपुर के अजमेर रोड पर भांकरोटा में 20 दिसंबर को हुए हादसे में चार लोग मौके पर ही जिंदा जल गए थे। आठ लोगों ने सवाई मानसिंह हॉस्पिटल में इलाज के दौरान दम तोड़ा था। एक मौत जयपुरिया हॉस्पिटल में हुई थी।

मामले में पुलिस ने टैंकर ड्राइवर जयवीर सिंह से मंगलवार को पूछताछ की थी। ड्राइवर ने पुलिस को बताया था कि 20 दिसंबर की सुबह 5.44 बजे रिंग रोड पर जाने के लिए कट से यू टर्न लिया था। टर्न लेने के दौरान पीछे से ट्रक ने टक्कर मार दी थी। पुलिस ने ट्रक मालिक दिल्ली निवासी अनिल को भी पूछताछ के लिए बुलाया है।

पुलिस को जयवीर सिंह (टैंकर ड्राइवर) ने बताया था कि हादसे के दौरान टैंकर में वह अकेला था। बिना समय गंवाए वह भागने लगा। टैंकर से निकली गैस आग का गोला बन कर सड़क पर फैलने लगी। तब तक वह रिंग रोड पर आ चुका था। फोन कर ट्रक मालिक अनिल कुमार को घटना की जानकारी दी। इसके बाद मोबाइल को बंद कर लिया।

आग इतनी तेजी से फैली थी कि 40 से ज्यादा गाड़ियां उसकी चपेट में आ गईं थीं। टैंकर के ठीक पीछे चल रही एक स्लीपर बस और हाईवे किनारे मौजूद पाइप फैक्ट्री भी जल गई थी। एक्सीडेंट की वजह से बस का दरवाजा एक ट्रक से चिपक गया। इस कारण उसमें सवार 34 लोगों को बाहर निकलने की जगह ही नहीं मिली। बड़ी मुश्किल से ड्राइवर वाले गेट से लोगों को बाहर निकाला गया। आग बुझने के बाद कई शवों को पोटली में डालकर अस्पताल ले जाया गया था।

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(Udaipur Kiran) / रोहित

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