Uttrakhand

खेलों के साथ समन्वय बनाकर शारीरिक शिक्षा में क्रान्तिकारी बदलाव सम्भव: जैन

कार्यक्रम के दौरान स्वागत करते हुए

हरिद्वार, 5 फरवरी (Udaipur Kiran) । शारीरिक शिक्षा, विज्ञान एवं तकनीकी विषयों के साथ समान लक्ष्य तथा दिशा तय करके संकल्प से शिखर तक की यात्रा के पड़ाव को पार करने में सक्षम है। खेलों के साथ समन्वय तथा विशेषज्ञता अपनाकर शारीरिक शिक्षा में क्रान्तिकारी बदलाव सम्भव है।

गुरुकुल कांगड़ी सम विश्वविद्यालय के शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग द्वारा प्रशिक्षु शिक्षकों के लिए आयोजित विशेष व्याख्यान के प्रथम सत्र में विशेषज्ञ एवं फिजिकल एजुकेशन फाउंडेशन ऑफ इंडिया (पेफी ) के महासचिव डॉ. पीयूष जैन ने अपने सम्बोधन में यह बात कही। शारीरिक शिक्षा एवं खेल विभाग द्वारा दयानंद स्टेडियम प्रांगण के मेजर ध्यान चन्द सभागार में आयोजित विशेष व्याख्यान का शुभारम्भ स्वस्तिवाचन एवं ईश वंदना के साथ आरम्भ हुआ। विभागीय प्रभारी डॉ. अजय मलिक ने डॉ. पीयूष जैन को महामहिम राष्ट्रपति द्वारा वर्ष 2024-25 के राष्ट्रीय खेल प्रोत्साहन सम्मान प्राप्त करने पर शॉल, अंगवस्त्र तथा पुष्पगुच्छ भेंटकर सम्मानित किया। एसोसिएट प्रोफेसर डॉ. शिवकुमार चौहान ने डॉ. पीयूष जैन द्वारा शारीरिक शिक्षा में किये जा रहे विकासप्रद कार्यों की रूपरेखा प्रस्तुत की।

व्याख्यान द्वारा सम्बोधित करते हुए डॉ. पीयूष जैन ने छात्रों को नई चुनौतियों के अनुसार अपनी कार्यशैली तथा सोच में बदलाव जाने का आह्वान किया। कहा कि शारीरिक शिक्षा में वैज्ञानिक एवं शोध परक विषय में विशेषज्ञता की कोई कमी नहीं है। केवल शिक्षण कैरियर पर ध्यान केन्द्रित करने से इस क्षेत्र में आ रही शिथिलता को सक्रिय बनाने की पहल की जानी जरूरी है। आज अन्य क्षेत्र के विशेषज्ञ खेल तथा शारीरिक शिक्षा के छात्रों के बल पर निवेश करके बेहतर कैरियर तथा ऊंचाईयां प्राप्त कर रहे हैं। जो इस क्षेत्र से जुड़े लोगों के लिए एक चिन्ता का विषय है। उन्होंने बेहतर कैरियर के लिए शारीरिक शिक्षा के छात्रों को सोच में बदलाव तथा मिलने वाली चुनौतियों को स्वीकार करते हुए नई ऊंचाईयां प्राप्त करने के लिए प्रेरित किया।

इस अवसर पर डॉ. नितिन काम्बोज, डॉ. कपिल मिश्रा, डॉ. अनुज कुमार, डॉ. प्रणवीर सिंह, सुनील कुमार, दुष्यन्त सिंह राणा, डॉ. धर्मेन्द्र बालियान, अश्वनी, दिवाकर तथा रविन्द्र कुमार सहित एमपीएड, बीपीएड तथा बीपीईएस के छात्र तथा शिक्षकेत्तर कर्मचारी उपस्थित रहे।

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(Udaipur Kiran) / डॉ.रजनीकांत शुक्ला

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