धमतरी , 9 सितंबर (Udaipur Kiran) । अक्ष्यनिधि तप, समवशरण तप, विजय कषाय तप एवं मोक्ष तप के तपस्वियों के सम्मान में समाजजनों द्वारा आज साेमवार को बरघोड़ा (शोभायात्रा) निकाली गई। इतवारी बाजार स्थित जैन मंदिर से मंगल भवन तक निकाली गई बरघोड़ा में समाज के लोग शामिल हुए।
कार्यक्रम में परम पूज्य विशुद्ध सागर जीमसा ने कहा कि तपस्या आत्म साधना का साधन है। तप दो प्रकार के होते हैं बाह्य तप और अंतर तप। बाह्य तप में तपस्या किया जाता है। आंतरिक तप के अंतर्गत आत्म साधना आता है। इन तपों के माध्यम से हमें अपने जीवन का अपनी आत्मा का विकास करना है। तपस्या में हमें खाने का मोह त्याग देना चाहिए। उससे जो समय शेष बचता है उसे परमात्मा में लगाने का प्रयास करना चाहिए। आज ऐसे तपस्वियों का बहुमान किया जा रहा है। इनको देखकर हमें भी तपस्या के लिए प्रेरित होना है। वरघोड़ा सभी तपस्वी अपने कलश को साथ लेकर चले। बरघोड़ा में भंवरलाल छाजेड़, विजय गोलछा, संजय लोढ़ा, जीवन लोढ़ा, मोहन गोलछा, पारसमल गोलछा, लक्ष्मीलाल लूनिया, प्रकाश पारख, विनय पारख, अशोक पारख, लूणकरण गोलछा, शिशिर सेठिया, राहुल सेठिया, विनीत पारख, आकाश गोलछा, प्रतीक बैद, कुशल चोपड़ा, प्रवीण संकलेचा, श्याम डागा, राहुल पारख, अंकित बरड़िया, मनीष बरड़िया सहित बड़ी संख्या में समाजजन शामिल रहे।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा