भीलवाड़ा, 2 दिसंबर (Udaipur Kiran) । भीलवाड़ा जिले के आसींद क्षेत्र के कालियास गांव में 80 वर्षों से अधिक पुराने जैन उपाश्रय महावीर भवन को तोड़ने की धमकी के विरोध में जैन समाज ने भीलवाड़ा में जोरदार प्रदर्शन किया। इस विरोध में भीलवाड़ा सकल जैन समाज ने कालियास जैन समाज के साथ मिलकर जिला कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा। ज्ञापन में जैन समाज ने उपाश्रय को किसी भी प्रकार की क्षति से बचाने और इसे संरक्षित करने की मांग की।
कालियास स्थित महावीर भवन जैन उपाश्रय का इतिहास 80 वर्षों से अधिक पुराना है। यह भवन जैन साधु-संतों के लिए विश्राम स्थल होने के साथ-साथ विभिन्न सामाजिक कार्यों के लिए उपयोगी स्थान है। कुछ समय पूर्व इसका जीर्णोद्धार किया गया था। ज्ञापन में उल्लेख किया गया कि यह भवन किसी विशेष पंथ या संप्रदाय तक सीमित नहीं है, बल्कि विभिन्न पंथों और परंपराओं के संतों के लिए उपयोगी है। इसके अलावा, आसपास के गांवों में साधु-संतों के ठहरने की अन्य सुविधाएं उपलब्ध नहीं होने के कारण इस उपाश्रय का महत्व और अधिक बढ़ जाता है।
जैन समाज का आरोप है कि कालियास गांव के सरपंच शक्तिसिंह चुण्डावत ने मौखिक रूप से जैन समाज के कुछ सदस्यों को यह धमकी दी है कि महावीर भवन को तोड़ा जाएगा। इस धमकी को जैन समाज ने अपने धर्म और सांस्कृतिक धरोहर के लिए गंभीर खतरा बताया है।
महावीर भवन को बचाने की मांग को लेकर भीलवाड़ा जैन समाज के सैकड़ों लोग मुखर्जी उद्यान में एकत्र हुए और इसके बाद कलक्ट्रेट तक प्रदर्शन किया। इस प्रदर्शन का नेतृत्व श्री जैन श्वेतांबर संघ कालियास के अध्यक्ष नौरतमल डूंगरवाल ने किया। प्रदर्शनकारियों ने महावीर भवन को संरक्षित करने और सरपंच के खिलाफ कार्रवाई की मांग की। प्रदर्शन के दौरान जैन एकता जिंदाबाद और भगवान महावीर की जय के नारों से माहौल गूंज उठा।
जैन समाज ने जिला कलेक्टर नमित मेहता को ज्ञापन देकर कालियास उपाश्रय को किसी भी प्रकार की क्षति न होने देने के निर्देश देने की मांग की। कलेक्टर ने आश्वासन दिया कि इस मामले में जांच कराई जाएगी और फिलहाल यथास्थिति बनाए रखी जाएगी।
प्रदर्शन और ज्ञापन सौंपने के दौरान भीलवाड़ा जैन समाज के विभिन्न संघों के पदाधिकारी और सदस्य शामिल हुए। इनमें शांतिभवन श्रीसंघ भीलवाड़ा के अध्यक्ष महेंद्र छाजेड़, मंत्री सुशील चपलोत, तेरापंथ सभा के अध्यक्ष जसराज चाैरड़िया, उपाध्यक्ष निर्मल गोखरू, और जैन श्वेतांबर मूर्तिपूजक संघ के संरक्षक तेजसिंह नाहर प्रमुख रहे। इस पूरे प्रकरण पर कालियास के सरपंच शक्तिसिंह ने कहा कि जैन समाज के किसी भी व्यक्ति ने इस मामले को लेकर उनसे संपर्क नहीं किया है। उन्होंने यह भी कहा कि यदि संपर्क किया जाता है, तो समाधान संभव है।
जिला कलेक्टर को दिये ज्ञापन में जैन समाज ने प्रशासन से यह मांग की है कि जैन उपाश्रय को तोड़ने की किसी भी योजना पर तत्काल रोक लगाई जाए और इसे संरक्षित किया जाए। जिला प्रशासन ने इस मामले में सकारात्मक रुख दिखाते हुए जांच और आवश्यक कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
इस प्रदर्शन ने न केवल जैन समाज की एकता और धरोहरों को बचाने की प्रतिबद्धता को प्रदर्शित किया, बल्कि यह भी दर्शाया कि समाज अपनी सांस्कृतिक धरोहरों की रक्षा के लिए संगठित रूप से कार्य करने को तैयार है।
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(Udaipur Kiran) / मूलचंद