जबलपुर, 14 जुलाई (Udaipur Kiran) । जबलपुर में शनिवार देर रात एक चलती कार पर बदमाशों ने पत्थर मारकर एक रिटायर्ड नर्स की हत्या कर दी। कार भतीजा ड्राइव कर रहा था और बुआ पिछली सीट पर बैठी थी। सिर पर पत्थर लगने से वह बुरी तरह घायल हो गई। जिसके बाद उन्हें सिटी ओमेगा अस्पताल ले गए, लेकिन थोड़ी देर बाद ही उन्होंने दम तोड़ दिया।
जानकारी के अनुसार दुर्गा नगर ग्वारीघाट क्षेत्र में रहने वाली विराज दुबे उम्र 66 वर्ष शासकीय अस्पताल में स्टाफ नर्स के पद पर पदस्थ से वर्ष 2020 में रिटायर हुई है। विराज दुबे के बच्चे नहीं थे, पति पति पंकज दुबे का निधन होने के बाद वे अपने भाई के बेटे दीपांशु शुक्ला को अपने साथ रखती थी, यहां तक कि उसकी पढ़ाई-लिखाई भी वे करा रही थी। शनिवार रात वे अपने भतीजे दीपांशु के साथ कार में बैठकर डिंडौरी से अपने घर के लिए रवाना हुई। रात तीन बजे दीपांशु जीसीएफ सेन्ट्रल स्कूल की ओर बढ़ रहा था, इस दौरान बदमाशों ने कार पर पथराव कर दिया, जिससे एक पत्थर पिछली सीट पर बैठी वृद्धा विराज दुबे को लगा और कार के अंदर ही गिर गई। दीपांशु किसी तरह कार को लेकर वहां से भागा और सीधे नेपियर टाउन स्थित सिटी ओमेगा अस्पताल आ गया।
वहीं, सिटी ओमेगा अस्पताल में विराज का इलाज शुरू करने से पहले परिजन को खून की व्यवस्था करने को कहा गया। परिवार का कहना है कि ब्लड का इंतजाम हुआ तो डॉक्टरों ने कह दिया कि जान नहीं बचा सके। अस्पताल प्रबंधन ने 35 हजार रुपए का बिल थमा दिया। सिर्फ आईसीयू में भर्ती कर पट्टी की गई और इतने का ही 35 हजार रुपए बिल बना दिया। परिजनों ने डॉक्टर से पूछा कि क्या इलाज किया गया है? इसकी जानकारी दी जाए। अस्पताल प्रबंधन ने कह दिया कि पैसे देने पर ही शव दिया जाएगा। हंगामे की सूचना पर घमापुर थाने और ओमती थाने की पुलिस मौके पर पहुंची। परिजन को समझाकर मामला शांत कराया। वहीं अस्पताल ने भी परिजन को शव सौंप दिया।
विराज दुबे के भाई नीरज शुक्ला एसआई पद से रिटायर हैं। उनका कहना है कि घटना लूट के इरादे से की गई। जिस तरह से लुटेरों ने कार को टारगेट किया और फिर उस पर पत्थर मारा, ये कोई साधारण घटना नहीं है।
(Udaipur Kiran)
(Udaipur Kiran) / उम्मेद सिंह रावत / नेहा पांडे