जबलपुर, 29 दिसंबर (Udaipur Kiran) । शहर के ट्रिपल आई.टी.डी.एम. परिसर में यंग थिंकर्स फोरम द्वारा आयोजित यंग थिंकर्स कॉन्क्लेव अंतर्गत दूसरे दिन रविवार को आयोजित सत्रों में वक्ताओं ने कई महत्वपूर्ण विषयों पर अपने विचार रखे एवं युवाओं से संवाद किया। ‘निगेशनिज़म इन इंडिया’ विषय पर इतिहासविद श्रीकृष्ण श्रीवास्तव ने नरसंहार, इस्लाम में मूर्तिभंजन एवं इस्लाम में गुलामी इन तीन बिंदुओं पर इस्लामिक स्रोतों के माध्यम से इस विषय पर प्रकाश डाला। तत्पश्चात प्रसिद्ध लेखिका अमी गणात्रा ने ‘वाय इतिहास मैटर्स’ विषय पर कहा कि घर में महाभारत रखने से महाभारत हो जाएगी, यह धारणा पूर्णतः मिथ्या एवं दुष्प्रचार है। महाभारत एक महान धर्मशास्त्र, अर्थशास्त्र, कामशास्त्र एवं मोक्षशास्त्र है जिसका अध्ययन आवश्यक है।
आई.आई.टी. हैदराबाद के प्रोफेसर मोहन राघवन ने कहा कि भारतीय ज्ञान परंपरा कोई विषय या विशिष्ट विधा नहीं है, अपितु भारतीय ज्ञान परंपरा अपने आप में संपूर्ण शिक्षा प्रणाली है। उन्होंने भारतीय ज्ञान परंपरा का संपूर्ण जीवनशैली पर पड़ने वाले प्रभाव पर प्रकाश डाला।
प्रथम हिन्दू ओटीटी प्लेटफॉर्म प्राच्यम के संस्थापक व सीईओ प्रवीण चतुर्वेदी ने कि भारतीय मानस को भारतीयों में पुनर्स्थापित करने हेतु फिल्मों की महत्ती भूमिका पर प्रकाश डाला एवं कहा कि इतिहास बोध के बिना शत्रु बोध संभव नहीं।
अंतिम सत्र में बृहत के संस्थापक पंकज सक्सेना ने जाति देश व धर्म पर अपने विचार रखे।
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(Udaipur Kiran) / विलोक पाठक