
जबलपुर, 7 मार्च (Udaipur Kiran) । कुछ लोग ता उम्र कैसे भी रहे या उनका जीवन कैसे भी गुजारा हो परंतु उनके द्वारा किए गए कर्म उनको आजीवन जिंदा रखते हैं। ऐसा ही एक मामला जबलपुर में सामने आया है जहां मजदूरी कर अपना जीवन यापन करने वाले भेड़ाघाट शिल्पी नगर निवासी 52 वर्षीय पूरन चौधरी की जिंदगी भले ही कितने ही कष्टों से भरी रही हो, लेकिन पूरन ने दो लोगों को नया जीवन दे दिया। पूरन चौधरी भवन निर्माण का काम करता था। जिसकी दो दिनों पूर्व निर्माणधीन भवन से गिरकर मौत हो गई। चिकित्सकों ने उसका ब्रेन डेड घोषित कर दिया। इसका पता जब परिवार वालों को चला तो उन्होंने एक बहुत बड़ा सामाजिक हित में निर्णय लिया कि पूरन चौधरी की दोनों किडनी किसी जरूरतमंद को दान दी जाएगी। यह मंशा उन्होंने चिकित्सकों से जाहिर की इसके बाद चिकित्सकों ने अपने स्तर पर इस मामले में कार्रवाही शुरू की और अंगदान प्रक्रिया को सुचारू रूप से पूरा किया गया।
स्वास्थ्य विभाग ने भी ऐसे मरीजों को खोजा जिन्हें किडनी की आवश्यकता थी। जिसमें एक मरीज दमोहनाका स्थित मेट्रो अस्पताल में मिला जिसे किडनी की आवश्यकता थी तो दूसरा मरीज इंदौर में मिला। दोनों मरीजों तक समय पर किडनी पहुंचाने के लिए जिला और पुलिस प्रशासन ने ग्रीन कॉरिडोर बनाया। दोनों किडनियों को सकुशल पहुँचाने के लिए दो ग्रीन कॉरिडोर बनाए गए। पहले मेडिकल कॉलेज से लेकर इंदौर एयरपोर्ट तक तथा दूसरा मेडिकल कॉलेज से दमोहनाका तक बनाया गया। जिसके लिए 150 पुलिसकर्मी तैनात किए गए थे। किडनी ले जा रही एम्बुलेंस के साथ पुलिस की दो गाडिय़ां भी साथ चल रहीं थीं। आज सुबह इंदौर से डॉक्टरों की एक टीम मेडिकल अस्पताल पहुंची और किडनी को लेकर एयर एम्बुलेंस से इंदौर रवाना हुई।
दान की हुई दोनों किडनियों को समय पर मरीजों तक पहुँचाने के लिए पुलिस ने रास्ते में पुलिस बल तैनात किया। पूरन चौधरी के परिवार वालों ने बताया कि पूरन की किडनी के अलावा उसके शरीर के अन्य अंग भी दान किए जाएंगे। बाकी अंगों के दान करने की इच्छा को देखते हुए अन्य जरूरतमंदों की तलाश की गई इस मामले में सीएमएचओ संजय मिश्रा का कहना है कि किडनी दान करने के साथ ही लीवर दान करने के लिए भी जरूरतमंद की तलाश की जा रही थी। लेकिन जरूरतमंद नहीं मिला। मृतक के परिवार वालों ने लीवर दान करने की भी इच्छा जताई है। उनकी त्वचा बर्न यूनिट में जरूरतमंद मरीजों और मेडिकल छात्रों के लिए उपयोग की जाएगी।
गरीब मजदूर पूरनलाल के द्वारा किए गए अंगदान की खबर जैसे ही मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव को लगी उन्होंने तुरंत आदेश जारी कर दिया की पूरनलाल का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया जाएगा इसके पश्चात दोपहर बाद भेड़ाघाट स्थित श्मशान घाट में पूरनलाल का अंतिम संस्कार राजकीय सम्मान के साथ किया गया।
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(Udaipur Kiran) / विलोक पाठक
