– व्यावसायिक, औद्योगिक, शांत और रहवासी क्षेत्र का मापा जाएगा ध्वनि स्तर
जबलपुर, 1 सितंबर (Udaipur Kiran) । शहर में बढ़ते ध्वनि प्रदूषण को देखते हुये मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड द्वारा चार स्थानों पर रियल टाइम एम्बियेंट ध्वनि मॉनिटरिंग सिस्टम स्थापित किये गये हैं। इनके माध्यम से शहर के व्यवासायिक, औद्योगिक, शांत और रहवासी क्षेत्र का ऑनलाइन और रियल टाईम ध्वनि स्तर मापा जायेगा तथा ध्वनि प्रदूषण और नियंत्रण के लिये सुधारात्मक कदम उठाये जा सकेंगे।
मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जबलपुर के क्षेत्रीय अधिकारी आलोक जैन ने रविवार को जानकारी देते हुए बताया कि शहर में रियल टाइम एम्बियेंट ध्वनि मॉनिटरिंग सिस्टम नगर निगम परिसर स्थित इंडियन बैंक की छत पर, औद्योगिक क्षेत्र रिछाई में उदयपुर बेबरेज, शासकीय विज्ञान महाविद्यालय पचपेढ़ी एवं विजय नगर में शक्तिभोज चौराहे पर लगाये गये हैं। नगर निगम परिसर में लगाया गया सिस्टम व्यावसायिक क्षेत्र, रिछाई में लगाया गया सिस्टम औद्योगिक क्षेत्र, शासकीय विज्ञान महाविद्यालय में लगाया गया सिस्टम शांत क्षेत्र तथा शक्तिभोग चौराहा विजय नगर में लगाया गया सिस्टम रहवासी क्षेत्र के ध्वनि स्तर का डेटा संग्रह करेगा। जल्दी ही इन चारों सिस्टम को सेंट्रल सर्वर से जोड़ दिया जायेगा और उसके बाद ध्वनि प्रदूषण के आंकड़ों का प्रदर्शन ऑनलाइन होने लगेगा। चारों रियल टाइम एम्बियेंट ध्वनि मॉनिटरिंग सिस्टम का सफल परीक्षण किया जा चुका है और बोर्ड के अधिकारियों-कर्मचारियों को इनके संचालन का प्रशिक्षण भी दिया जा चुका है।
जैन ने बताया कि मध्यप्रदेश प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, जबलपुर द्वारा समय-समय पर ध्वनि स्तर का मापन मैन्युअल किया जाता है, लेकिन सतत रूप से इसकी निगरानी नही हो पा रही थी। उन्होंने बताया कि बोर्ड द्वारा ध्वनि स्तर के मापन हेतु रियल टाइम एम्बियेंट ध्वनि मॉनिटरिंग सिस्टम की स्थापना प्रदेश के चार शहरों में प्रारंभ की गई है जिसमें जबलपुर शहर भी शामिल है। सेंट्रल सर्वर से कनेक्ट कर दिये जाने पर रियल टाइम एम्बियेंट ध्वनि मॉनिटरिंग सिस्टम के माध्यम से शहर के विभिन्न क्षेत्रों में ध्वनि प्रदूषण का स्तर आमजनों को ऑनलाइन मोबाईल एप्लीकेशन से उपलब्ध हो सकेगा।
प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के क्षेत्रीय अधिकारी ने बताया कि इसके जरिये प्राप्त डेटा से प्रशासन द्वारा सुधारात्मक प्रयास किये जा सकेंगे। ध्वनि प्रदूषण निवारण तथा नियंत्रण नियम-2000 की धारा 4(2) के अंतर्गत ध्वनि प्रदूषण पर नियंत्रण हेतु जिला प्रशासन एवं पुलिस प्रशासन को अधिकृत है। जबकि इस अधिनियम की धारा 4(3) के तहत ध्वनि प्रदूषण का स्तर के मापने की जिम्मेदारी प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड की है।
जैन के मुताबिक शासन द्वारा व्यावसायिक, औद्योगिक, शांत और रहवासी क्षेत्र के लिये ध्वनि प्रदूषण के मापदंड निर्धारित किये गये हैं। तय मापदंडों के अनुसार व्यावसायिक क्षेत्र में दिन के समय 65 और रात के समय 55 डेसिबल, औद्योगिक क्षेत्र में दिन के समय 75 और रात में 70 डेसिबल, शांत क्षेत्र में दिन में 50 और रात के समय 40 डेसिबल तथा रहवासी क्षेत्र में दिन के समय 55 डेसिबल और रात के समय 45 डेसिबल ध्वनि का स्तर होना चाहिये।
(Udaipur Kiran) तोमर