Madhya Pradesh

जबलपुरः मंत्री राकेश सिंह की अध्‍यक्षता में महाकौशल विज्ञान मेला का हुआ गरिमामय शुभारंभ

महाकौशल विज्ञान मेला का हुआ गरिमामय शुभारंभ

– भारत के विज्ञान का रूप मानवता को दिशा देने वाला हैः मंत्री सिंह

जबलपुर, 15 नवंबर (Udaipur Kiran) । अमृतकाल में विज्ञान, प्रौद्योगिकी और नवाचार की थीम पर जबलपुर में पहली बार महाकौशल विज्ञान मेला का आयोजन किया गया। जिसका शुक्रवार को गरिमामय रूप से लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह की अध्‍यक्षता में शुभारंभ हुआ। विज्ञान मेले का शुभारंभ दीप प्रज्‍वलित कर किया गया। इस अवसर पर मंत्री सिंह ने महाकौशल विज्ञान परिषद, विज्ञान भारती और सभी आयोजक संस्थानों को जबलपुर में प्रथम महाकौशल विज्ञान मेला के भव्य आयोजन के लिए साधुवाद दिया।

उन्‍होंने विज्ञान को विशिष्ट ज्ञान के रूप में परिभाषित कर कहा कि महाकौशल के विज्ञान प्रेमियों को विज्ञान के क्षेत्र में अनिवार्य जानकारी मुहैया कराने के लिए इस मेले के आयोजन की आवश्यकता थी। भारत ने ही संपूर्ण विश्व को विज्ञान दिया है। भारत के विज्ञान में नीति और धर्म का अंकुश था। इस कारण भारत से बिना नींव के बनने वाले राम सेतु और बिना ईंधन के चलने वाले पुष्पक विमान का आविष्कार हो पाया।

उन्होंने कहा कि विज्ञान जब अनियंत्रित होता है तो हिरोशिमा और नागासाकी जैसी अनेकों भयानक घटनाएं विश्व के सामने आती हैं। भारत के विज्ञान का रूप मानवता को दिशा देने वाला है। मंत्री राकेश सिंह ने कहा कि भारत के ऋषि मुनियों की वाणियों में विज्ञान के सूत्र निहित थे। शून्य की खोज से लेकर आर्यभट्ट के खगोलीय सिद्धांत तक और महर्षि सुश्रुत एवं चरक के चिकित्सकीय ज्ञान से दुनिया को सीख मिल रही है।

उन्‍होंने कहा कि विज्ञान भारती जैसे संगठन देश को नई दिशा प्रदान कर रहे हैं। जब वह पहली बार लोकसभा चुन कर गए तो उन्होंने साइंस एंड टेक्नोलॉजी का समिति का चयन किया। इस अवसर पर मंत्री सिंह ने साइंस सेंटर और एटॉमिक पावर प्लांट से जुड़ी घटनाओं का जिक्र भी अपने संबोधन में किया। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने भी डिजिटल अरेस्ट का ज़िक्र किया है। विज्ञान एक आवश्यक विषय है। यह लोगों की दैनिक दिनचर्या से जुड़ा हुआ है। मंत्री श्री सिंह ने कहा विज्ञान मेला में देश के प्रतिष्ठित वैज्ञानिकों के व्याख्यानों से विद्यार्थियों को बहुमूल्य सीख मिलेगी।

महापौर जगत बहादुर सिंह अन्नू ने प्रथम महाकौशल विज्ञान मेला के आयोजन के लिए सभी आयोजक संस्थाओं को शुभकामनाएं दीं और इसके माध्यम से कृषि क्षेत्र में अध्यनरत विद्यार्थियों और किसानों को लाभान्वित होने का विश्वास जताया। उन्होंने विज्ञान मेला के विद्यार्थियों पर पड़ने वाले प्रभाव पर भी दृष्टि डालते हुए कहा कि मेला के आयोजन से इंजीनियर, डॉक्टर और प्रशासनिक अधिकारी बनने के इच्छुक विद्यार्थियों को अब वैज्ञानिक बनने की प्रेरणा भी मिलेगी।

महापौर ने कहा कि भारत में विज्ञान अनादि काल से है, जिसका अनुसरण कर विश्व के अनेकों देश इस क्षेत्र में आगे बढ़ रहे हैं। प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में देश में चल रहे अमृत काल और मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव से प्राप्त सहयोग से विज्ञान मेला सफल होता हुआ दिख रहा है। विज्ञान मेला महाकौशल क्षेत्र को नई ऊंचाइयों पर आसीन करेगा और इससे सभी विद्यार्थियों को सीखने का मौका भी मिलेगा। महापौर ने प्रथम महाकौशल विज्ञान मेला जबलपुर में आयोजित करने के लिए सभी आयोजन संस्थानों को धन्यवाद भी दिया।

विज्ञान भारती के अखिल भारतीय संगठन मंत्री शिव कुमार शर्मा ने संबोधन के दौरान स्वदेशी और विदेशी मानकों के आधार पर विज्ञान के अंतर को स्पष्ट किया। उन्होंने कहा कि ऋग्वेद के तीसरे अध्याय के सैंतीसवे श्लोक में 72 अरब तक की गिनती की कल्पना की गई है। उन्होंने बताया कि ग्वालियर के समीप स्थित किले में प्राकृत भाषा में लिखित शिलालेख में भी इस ऋग्वैदिक कालीन जानकारी का उल्लेख है।

उन्होंने विज्ञान वरदान या अभिशाप के संदर्भ पर भी प्रकाश डाला। अपने प्रोफेसर द्वारा कही गई बात को बताते हुए शर्मा ने कहा कि विज्ञान न तो वरदान है और न ही अभिशाप है बल्कि विज्ञान तो एक ऊर्जा है। शर्मा ने लोक निर्माण शब्द को परिभाषित करते हुए कहा कि लोक अर्थात जनता के हित के लिए निर्माण कार्य स्वदेशी विज्ञान को परिलक्षित करता है। शर्मा ने विज्ञान मेला में आए विद्यार्थियों से सीखने की दृष्टि रखने का आग्रह किया। उन्होंने कहा कि विज्ञान से मजबूती से कमजोरी को घटाने पर अवसर का जन्म होता है। इस अवसर पर उन्होंने उपस्थित विज्ञान प्रेमियों को प्रख्यात वैज्ञानिक थॉमस एल्वा एडिसन के बचपन की कहानी भी सुनाई।

महाकौशल विज्ञान परिषद के अध्‍यक्ष डॉ. एसपी गौतम ने भी विज्ञान मेला के उद्देश्‍य को बताते हुए विभिन्‍न आयामों में विभिन्‍न विशेषताओं के साथ एक साथ काम करने के स्‍वदेशी भाव को प्रकट किया। उन्‍होंने भारतीय विज्ञान परम्‍परा से राष्‍ट्र के परम वैभव के लिए कार्य करने की समर्पित भाव के संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि ज्ञान के मार्ग से जुड़ने के लिए जिज्ञासु मन का होना बहुत आवश्‍यक है। कार्यक्रम के दौरान सभी अतिथियों ने विज्ञान मेले में लगे विभिन्‍न वैज्ञानिक प्रदर्शिनियों का अवलोकन किया तथा उनके संबंध में जानकारी ली।

(Udaipur Kiran) तोमर

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