
जबलपुर, 13 मार्च (Udaipur Kiran) । कलेक्टर दीपक सक्सेना के आदेश के बाद ओमती थाने में संयुक्त संचालक ऑडिट में पाए गए करीब सात करोड़ के घोटाले को लेकर पांच लोगों के खिलाफ गबन के मामले को लेकर एफआईआर दर्ज कराई गई है। एफआईआर जिला कोषालय अधिकारी कार्यालय में पदस्थ विनायिका लकरा ने दर्ज कराई है। जिन लोगों के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई गई है उनमें संदीप शर्मा, सीमा अमित तिवारी, मनोज बरहैया, प्रिया विश्नोई तथा अनूप कुमार भौर्या शामिल हैं।
जिला कोषालय अधिकारी ने गुरुवार को लिखित में दी गई रिपोर्ट दर्ज कराते हुए यह बतलाया है कि षडयंत्र पूर्वक फर्जी दस्तावेज तैयार कर जालसाजी करते हुए शासकीय राशि 6 करोड़ 99 लाख 20 हजार रुपये का गबन आरोपियों द्वारा किया गया है। यह गबन क्षेत्रीय कार्यालय स्थानीय नीधि समपरीक्षा कार्यालय में फर्जी बिल लगाकर किया गया है। रिपोर्ट में दिए गए ब्यौरे के अनुसार संदीप शर्मा के वेतन देयक के साथ व्यक्तिगत वेतन में अत्यधिक वृद्धि कर 55 लाख 55 हजार रुपये का अतिरिक्त आहरण किया गया। इस अनियमितता को लेकर जिला दंडाधिकारी कलेक्टर जबलपुर ने अपने आदेश 6 मार्च के अनुसार 8 सदस्यीय जाँच समिति का गठन किया था। जिला कोषायल अधिकारी द्वारा क्षेत्रीय कार्यालय स्थानीय निधी संपरीक्षा जबलपुर के द्वारा देयक क्रमांक 200021233899 एवं 200021233683 दिनांक 28 फरवरी 2025 में त्रुटिपूर्ण पाए जाने पर जिला कोषालय द्वारा आपत्ति लेते हुए देयक की त्रुति के संबंध में दूरभाष पर संबंधित कार्यालय को अवगत कराया गया। जिसके बारे में जिला कोषालय को सूचित किया गया कि संबंधित देयक के साथ संलग्र स्वीकृति आदेश उनके कार्यालय द्वारा जारी नहीं किए गए हैं। उक्त आदेश के प्राप्त होने के पश्चात संदेह उत्पन्न होने पर जिला कोषालय द्वारा आंतरिक रूप से जाँच प्रारंभ की गई ।
जाँच समित ने अभिलेखों के मिलान के पश्चात संदीप शर्मा द्वारा वर्ष 2021-2022 से लेकर आज दिनांक तक 6 करोड़ 99 लाख से अधिक का गबन किया गया है। इस मामले में संदीप शर्मा के साथ सीमा अमित तिवारी, मनोज बरहैया तथा प्रिया विश्नोई की संलिप्तता भी पाई गई है और इनके कार्य को अपराधिक कृत्य माना गया है। संदीप शर्मा ने जिस राशि का गबन किया है उसमें निजी व्यक्तियों को भी लाभ पहुँचा है।
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(Udaipur Kiran) / विलोक पाठक
