Madhya Pradesh

जबलपुरः खाद विक्रय में अनियमितता पर समिति प्रबंधक एवं उर्वरक प्रभारियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज

जबलपुरः खाद विक्रय में अनियमितता पर समिति प्रबंधक एवं उर्वरक प्रभारियों के विरुद्ध एफआईआर दर्ज

– साढ़े दस लाख रुपये के उर्वरक का गबन एवं कालाबाजारी

जबलपुर, 7 सितंबर (Udaipur Kiran) । उर्वरक के वितरण में अनियमितता बरतने तथा हेराफेरी कर गबन एवं कालाबाजारी करने के आरोप में वृहताकार सेवा सहकारी समिति बरखेड़ा तथा वृहताकार सेवा सहकारी समिति नयानगर सूखा भारतपुर के प्रबंधक और उर्वरक प्रभारी के विरुद्ध कृषि विभाग द्वारा चरगंवा थाने में एफआईआर दर्ज कराई गई है। चरगंवा थाना पुलिस ने शनिवार को इस मामले में समिति दोनों समितियों के प्रबंधक राजेश नन्देसरिया तथा उर्वरक प्रभारी बरखेड़ा अनीश मिश्रा एवं उर्वरक प्रभारी नयानगर सूखा भारतपुर नन्हेलाल झरिया के विरुद्ध भारतीय न्याय संहिता की धारा 318(4) एवं 316(5), अत्यावश्यक वस्तु अधिनियम की धारा 3 एवं 7 तथा उर्वरक (नियंत्रण) आदेश की 35 (1) (a) प्रकरण पंजीबद्ध कर लिया है।

दरअसल, कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देश पर कृषि अधिकारियों द्वारा औचक निरीक्षण कर इन दोनों समितियों की जाँच की थी। जाँच में बरखेड़ा समिति में 28 बोरी यूरिया एवं 151 बोरी एसएसपी तथा नयानगर सूखा भारतपुर समिति में 976 बोरी यूरिया एवं 530 बोरी डीएपी कम पाई गई। कम पाये गये इन उर्वरकों की कीमत करीब साढ़े दस लाख रुपये बताई गई है। ज्ञात हो कि कलेक्टर दीपक सक्सेना को किसानों से इन समितियों में उर्वरक विक्रय में अनियमितता बरतने की शिकायतें प्राप्त हुई थीं।

कृषि उप संचालक डॉ. एसके निगम ने बताया कि कलेक्टर दीपक सक्सेना के निर्देश पर कृषि अधिकारियों द्वारा नयानगर सूखा भारतपुर समिति के किये गये औचक निरीक्षण के दौरान पीओएस मशीन में यूरिया 61.92 टन (1362 बोरी) एवं डीएपी 36.5 टन (730 बोरी) दिखाई जा रही थी, परंतु समिति में भौतिक रूप से 18 टन ( 400) बैग यूरिया एवं 10 टन (200) बैग डीएपी ही भंडारित पाई गई थी। जाँच के दौरान किसान गोकल पिता इमरत ग्राम भारतपुर द्वारा बताया गया था कि उसे 12 बोरी डीएपी दी गई जबकि परमिट बुक पर 10 बोरी डीएपी 35 बोरी यूरिया ही चढ़ाई गई। जाँच के दौरान किसानों को काटे गये परमिट में दर्शित मात्रा एवं किसानों के बतायी मात्रा में भी काफी अंतर पाया गया। कुछ परमिट ऐसे भी पाये गये, जिनमें किसान के हस्ताक्षर के अलावा अन्य कोई विवरण नहीं भरा गया था।

इसी प्रकार प्राथमिक साख समिति बरखेड़ा के निरीक्षण के दौरान पीओएस मशीन में 1.6 टन (36 बोरी) यूरिया एवं 11.05 टन (221 ) बोरी एसएसपी प्रदर्शित हो रहा था, परंतु भौतिक रूप से आठ बैग यूरिया और 70 बोरी (3.5 टन) एसएसपी ही पाया गया । जाँच में सामने आया कि समिति द्वारा समिति प्रबंधक एवं समिति प्रशासक की हस्ताक्षर के बगैर परमिट जारी किये गये । समिति द्वारा बिना परमिट जारी किये 25 बैग यूरिया गंगई के कृषक विपिन साहू को दे दिया गया था । जांच के दौरान स्टॉक पंजी प्रस्तुत नहीं की गई ना ही रजिस्टर्ड किसान की सूची प्रदान की गई। इस संबंध में समिति प्रबंधक से जानकारी भी चाही गई जिस पर हर बिंदु पर उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर की गई।

कृषि उप संचालक डॉ एसके निगम ने बताया कि उर्वरकों की हेराफेरी, गबन एवं कालाबाजारी के इस मामले में कृषि विभाग की ओर से एफआई आर उर्वरक निरीक्षक, शहपुरा मेघा अग्रवाल द्वारा दर्ज कराई गई, जबकि समितियों का निरीक्षण कर जाँच करने वाले दल में अनुविभागीय कृषि अधिकारी डॉ इंदिरा त्रिपाठी, उर्वरक निरीक्षक मेघा अग्रवाल, एसएमएस पंकज श्रीवास्तव, वरिष्ठ कृषि विकास अधिकारी पनागर पंकज शर्मा, बीटीएम रोहित गुप्ता, कृषि विकास अधिकारी बी एस ठाकुर शामिल थे।

(Udaipur Kiran) तोमर

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