Madhya Pradesh

जबलपुर : ईओडब्ल्यू ने नगर निगम के तीन भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ 10 साल बाद किया मामला दर्ज, एफआईआर हुई

ईओडब्ल्यू ने नगर निगम के तीन भ्रष्ट अधिकारियों के खिलाफ दर्ज की एफआईआर

जबलपुर, 18 मार्च (Udaipur Kiran) । नगर निगम में कचरा परिवहन एवं सफाई को लेकर भ्रष्ट अधिकारियों ने घोटाले किए हैं, जिस पर ईओडब्ल्यू ने एफआईआर दर्ज की है। दरअसल, यह घोटाला साल 2014 में तत्कालीन स्वास्थ्य अधिकारी और सहायक स्वास्थ्य अधिकारी ने नेताजी सुभाषचंद्र बोस,सफाई कामगार सहकारी समिति के अध्यक्ष के साथ मिलकर किया, जिसमें फर्जी कूटरचित बिल के जरिए नगर निगम को लाखों रूपयें का चूना लगाया गया था।

इस घोटाले की शिकायत स्वयं नगर निगम में मुख्य स्वास्थ्य जबलपुर निरीक्षक के.के.दुबे द्वारा की गई जो की भानतलैया जोन नंबर 8 में पदस्थ है के.के.दुबे के पूर्व वहां आरपी गुप्ता इंचार्ज थे, जब दुबे ने उनसे चार्ज लिया तो सफाई कर्मचारियों की रिकॉर्ड में दर्ज संख्या और काम के दौरान उनकी मौजूदगी में काफी अंतर पाया। मुख्य स्वास्थ्य निरीक्षक दुबे ने रिकॉर्ड खंगाले तो पता चला कि सफाई के काम में कर्मचारी कम है और ठेकेदार को ज्यादा बिल का भुगतान दिया जा रहा है। इसके बाद दुबे ने कचरा घोटाले की शिकायत 2018 में इओडब्‍ल्‍यू भोपाल और लोकायुक्त भोपाल कार्यालय में की, जिसके बाद जांच शुरू की गई। तत्कालीन स्वास्थ्य अधिकारी विनोद श्रीवास्तव और सहायक स्वास्थ्य अधिकारी अनिल जैन ने हेमंत करसा,अध्यक्ष नेताजी सुभाषचंद्र बोस सफाई कामगार सहकारी समिति के साथ मिलकर कूटरचित दस्तावेज तैयार करके 13 लाख 17 हजार के बिल भुगतान की नोटशीट भ्रामक जानकारी देकर बिल भुगतान के लिए वरिष्ठ अधिकारियों को भेजी है। जबकि,तत्कालीन सीएसआई ने जांच में वास्तव में भुगतान के लिए योग्य राशि 6 लाख 4 हजार रुपए पाया, लिहाजा उन्होंने उक्त राशि का संशोधित बिल बनाकर नोटशीट संभाग कार्यालय में भेजी थी। नगर निगम के इन अधिकारियों ने के.के.दुबे के फर्जी हस्ताक्षर युक्त एक और नोटशीट बनाकर ठेकेदार पुष्पेंद्र यादव को 8 लाख 20 हजार रुपए का अतिरिक्त भुगतान करवा दिया।

सीएसआई के.के.दुबे ने तत्कालीन कमिश्नर वेद प्रकाश से शिकायत की, जिसे गंभीर मानते हुए कमिश्नर ने विनोद श्रीवास्तव को स्वास्थ्य अधिकारी के पद से हटाकर स्थापना शाखा में प्रधान लिपिक पदस्थ करने के आदेश जारी किए। जबकि सहायक स्वास्थ्य अधिकारी अनिल जैन को तत्काल प्रभाव से सस्पेंड कर दिया। यह मामला मिली भगत के चलते कमिश्नर वेदप्रकाश के रिटायर्ड होने के साथ ही दवा दिया गया । इस मामले के बनने के बाद तत्कालीन स्वास्थ्य अधिकारी विनोद श्रीवास्तव और जून 2023 में अनिल जैन रिटायर्ड हो गए।

अब इस प्रकरण में डीएसपी ईओडब्लू मंजीत सिंह नगर निगम में 2014 में हुए कचरा घोटाले की जांच करते हुए 16 मार्च 2025 को तत्कालीन स्वास्थ्य अधिकारी विनोद श्रीवास्तव,सहायक स्वास्थ्य अधिकारी अनिल जैन,हेमंत करसा,अध्यक्ष नेताजी सुभाषचंद्र बोस, सफाई कामगार सहकारी समिति के खिलाफ धारा 420,467,468,471,120 बी एवं धारा 7 के तहत भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम 1988 (संशोधित अधिनियम) 2018 का अपराध दर्ज किया है। डीएसपी मंजीत सिंह का कहना है कि इस मामले में जल्द ही आरोपितों को गिरफ्तार किया जाएगा।

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(Udaipur Kiran) / विलोक पाठक

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