जबलपुर, 23 अगस्त (Udaipur Kiran) । सहकारी समितियों की लगातार मिल रही शिकायतों को देखते हुए शुक्रवार को कृषि विभाग के अधिकारियों द्वारा आदिम जाति सहकारी समिति मर्यादित सुखा ग्राम भरतपुर एवं प्राथमिक साख समिति बड़खेड़ा का निरीक्षण किया गया। इस दौरान अनुविभागीय अधिकारी कृषि डॉ. इंदिरा त्रिपाठी एवं कृषि विस्तार अधिकारी बीएस ठाकुर मौजूद रहे।
कृषि अधिकारियों द्वारा आदिम जाति सहकारी समिति मर्यादित के समिति प्रबंधक राजेश नंदेशरिया, खाद्य प्रभारी नन्हेलाल झारिया एवं विक्रेता भूपेंद्र सिंह पटेल के समक्ष किए गए निरीक्षण में पाया गया कि पी ओ एस मशीन में यूरिया 61.92 टन (1362 बोरी) एवं डीएपी 36.5 टन (730 बोरी) दिखाई जा रही है लेकिन समिति में भौतिक रूप से 18 टन ( 400 बैग) यूरिया एवं 10 टन (200 बैग) डीएपी भंडारित है। जाँच के दौरान किसानों को काटे गए परमिट में दर्शित मात्रा एवं किसानों द्वारा बतायी गई मात्रा में अंतर पाया गया। कुछ परमिट ऐसे भी पाये गये जिसमें केवल किसान के हस्ताक्षर थे और अन्य कोई विवरण नहीं था। जिस कारण अनियामिता होने की संभावना है। जाँच के दौरान ग्राम भरतपुर के किसान गोकल ने बताया गया कि समिति द्वारा उसे 12 बोरी डीएपी दी गई है जबकि परमिट क्रमांक 1139 15 बुक क्रमांक 683 पर 10 बोरी डीएपी 35 बोरी यूरिया चढ़ाई गई है।
कृषि अधिकारियों द्वारा प्राथमिक साख समिति बड़खेड़ा का भी निरीक्षण किया गया। इस दौरान पाया गया कि पी ओ एस मशीन में 1.6 टन यूरिया एवं 11.05 टन एसएसपी प्रदर्शित हो रहा है परंतु भौतिक रूप से आठ बैग यूरिया, 70 बोरी एसएसपी भंडारित है। साथ ही समिति प्रबंधक एवं समिति प्रशासक की हस्ताक्षर के बगैर समिति द्वारा परमिट जारी किया गया है। परमिट बिना जारी किए 25 बैग यूरिया विपिन साहू ग्राम गगई को दी गई है। निरीक्षण के दौरान समिति द्वारा कृषि अधिकारियों को स्टाक पंजी प्रस्तुत नहीं की गई और ना ही रजिस्टर्ड किसान की सूची प्रदान की गई। इस संबंध में कृषि अधिकारियों द्वारा समिति प्रबंधक से जानकारी चाही गई जिस पर हर बिंदु पर अनभिज्ञता ज़ाहिर की गई। जाँच संबंधित प्रतिवेदन उप संचालक कृषि को अग्रिम कार्यवाही हेतु प्रस्तुत की जायेगी।
(Udaipur Kiran) / विलोम
(Udaipur Kiran) तोमर