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आईडब्ल्यूएआई बोर्ड 17 शहरों में शहरी जल परिवहन प्रणाली के लिए व्यवहार्यता अध्ययन कराएगा

पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के अंतर्गत भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) की 196वीं निदेशक मंडल बैठक

नई दिल्ली, 21 फरवरी (Udaipur Kiran) । पत्तन, पोत परिवहन और जलमार्ग मंत्रालय के अंतर्गत भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण (आईडब्ल्यूएआई) ने अपनी 196वीं निदेशक मंडल बैठक में विभिन्न शहरों में शहरी जल परिवहन प्रणाली विकसित करने के व्यवहार्यता अध्ययन का महत्वपूर्ण निर्णय लिया है। बोर्ड ने देश के 12 राज्यों के 17 शहरों में पूर्णत: या आंशिक रूप से जल मेट्रो स्थापित करने की संभावना का पता लगाने का फैसला किया है। इसके व्यवहार्यता अध्ययन का दायित्व कोच्चि मेट्रो रेल लिमिटेड (केएमआरएल) को सौंपा गया है।

यह पहल वर्तमान नौगम्य जलमार्गों के इस्तेमाल से एक सुदृढ़ और संधारणीय शहरी परिवहन प्रणाली प्रदान करेगी। जल मेट्रो मॉडल शहरी जल परिवहन के क्षेत्र में विशिष्ट पहल है, जो परिवहन के पारंपरिक साधनों के स्थान पर सुरक्षित, कुशल और पर्यावरण अनुकूल विकल्प प्रदान करेगा। भारत की नदियों, नहरों और अन्य जल निकायों के समृद्ध नेटवर्क द्वारा यह परियोजना शहरी जल परिवहन प्रणाली की क्षमता वाले शहरों पर ध्यान केंद्रित करेगी।

मंत्रालय के परामर्श से भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण के जल मेट्रो विकसित करने के लिए चयनित 17 शहरों में- अयोध्या, धुबरी, गोवा, गुवाहाटी, कोल्लम, कोलकाता, प्रयागराज, पटना, श्रीनगर, वाराणसी, मुंबई, वसई, मंगलुरु (गुरुपुरा नदी), गांधीनगर-अहमदाबाद (साबरमती नदी), केरल में अलेप्पी के साथ ही लक्षद्वीप तथा अंडमान और निकोबार द्वीप समूह शामिल हैं, जहां अंतर-द्वीपीय नौका सेवाएं कनेक्टिविटी में व्यापक परिवर्तन ला सकती हैं।

शहरी जल परिवहन प्रणाली मुख्य भूमि और आस-पास के नगर पालिकाओं, पंचायत क्षेत्रों, द्वीपों को जलमार्गों से जोड़ेगी और इसे परिवहन के अन्य साधनों के साथ समेकित करेगी। इसके अलावा, यह पर्यटन और क्षेत्रीय आर्थिक विकास को बढ़ावा देगी। यह ऊर्जा-दक्ष इलेक्ट्रिक फेरी, आधुनिक टर्मिनलों के माध्यम से गैर-प्रदूषणकारी और संधारणीय उपायों को अपनाएगी और निर्बाध मल्टीमॉडल कनेक्टिविटी सुनिश्चित करेगी।

हरित नौका दिशा-निर्देशों के अनुरूप भारतीय अंतर्देशीय जलमार्ग प्राधिकरण ने कई हरित उपाय किए हैं, जिसमें यात्री नौकाओं के लिए इलेक्ट्रिक कैटामारन नौका की खरीद शामिल है। दो ऐसे कैटामारन पहले ही वाराणसी और अयोध्या में तैनात किए जा चुके हैं। मथुरा और गुवाहाटी में जल्द ही छह ऐसी नौकाएं तैनात की जाएंगी। एक हाइड्रोजन ईंधन सेल संचालित जहाज़ भी खरीदा गया है, जिसका सफल परीक्षण हाल में पूरा हुआ है। जल मेट्रो परियोजनाएं विकसित करके शहरी जल परिवहन प्रणाली को सुदृढ़ करने का कदम प्राधिकरण की सक्रिय पहल का विस्तार है।

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(Udaipur Kiran) / दधिबल यादव

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