– एशियाई तटरक्षक एजेंसियों के प्रमुखों की 20वीं बैठक दक्षिण कोरिया के इंचियोन में हुई – पर्यावरण संरक्षण, नशीली दवाओं, हथियारों और मनुष्यों की अवैध तस्करी पर हुई चर्चा
नई दिल्ली, 05 सितम्बर (Udaipur Kiran) । एशियाई तटरक्षक एजेंसियों के प्रमुखों की 20वीं बैठक में समुद्री खोज और बचाव, समुद्री प्रदूषण प्रतिक्रिया और कानून प्रवर्तन के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने पर सहमति बनी है। यह बैठक 03-04 सितंबर को दक्षिण कोरिया के इंचियोन में हुई, जिसमें भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) के 03 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व महानिरीक्षक एमवी पाठक ने किया। इससे इतर आईसीजी और कोरिया तटरक्षक के बीच 12वीं वार्षिक उच्चस्तरीय बैठक हुई।
एशियाई तटरक्षक एजेंसियों के प्रमुखों की बैठक (एचएसीजीएएम) का प्रमुख सदस्य होने के नाते भारतीय तटरक्षक बल (आईसीजी) ने भी 20वीं उच्च स्तरीय बैठक में भाग लिया। यह बैठक सालभर में एक बार होती है, जिसकी मेजबानी बारी-बारी से सदस्यों की ओर से की जाती है। यह एक स्वतंत्र मंच है, जिसमें 23 सदस्य तटरक्षक एजेंसियां और रीसीएएपी और यूएनओडीसी के रूप में 02 सहयोगी सदस्य हैं। रीसीएएपी
एशिया के 16 देशों के बीच समुद्री डकैती से निपटने पर क्षेत्रीय सहयोग बहुपक्षीय समझौता है, जो नवंबर, 2004 में हुआ था और इसमें सूचना साझाकरण केंद्र (आईएससी) शामिल है।
यह बहुपक्षीय मंच नवंबर, 1999 में समुद्री डाकुओं के जहाज एमवी अलोंद्रा रेनबो को पकड़े जाने के बाद क्षेत्रीय तटरक्षकों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने के लिए जापानी पहल का एक हिस्सा है। एशियाई तटरक्षक एजेंसियों के प्रमुखों की बैठक मुख्य रूप से क्षेत्र में सुरक्षित, संरक्षित और स्वच्छ समुद्र को सुनिश्चित करने और बढ़ावा देने के लिए सदस्य देशों के बीच सहयोग को बढ़ावा देने पर केंद्रित है। इसमें चार कार्य समूह शामिल हैं, जो समुद्री मुद्दों के प्रति समन्वित प्रतिक्रिया और तालमेल के लिए केंद्रित हैं। आईसीजी खोज और बचाव कार्य समूह का अध्यक्ष है,जिसमें पर्यावरण संरक्षण, समुद्र में गैरकानूनी कृत्यों को नियंत्रित करना और सूचना साझा करना शामिल है।
एशियाई तटरक्षक एजेंसियों के प्रमुखों की 20वीं बैठक से इतर आईसीजी और कोरिया तटरक्षक के बीच 12वीं वार्षिक उच्च स्तरीय बैठक हुई। बैठक में समुद्री खोज और बचाव, समुद्री प्रदूषण प्रतिक्रिया और कानून प्रवर्तन के क्षेत्र में द्विपक्षीय सहयोग को मजबूत करने पर सहमति बनी। दो दिनों तक चली इस उच्चस्तरीय बैठक में दोनों देशों के बीच समुद्री कानून प्रवर्तन, समुद्र में जीवन की सुरक्षा, समुद्री पर्यावरण संरक्षण, समुद्र में नशीली दवाओं, हथियारों और मनुष्यों की अवैध तस्करी आदि जैसे विभिन्न महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा की गई तथा एजेंडा तैयार करके आगे के सहयोग के अवसरों का पता लगाया गया। यह बैठक तटरक्षकों के बीच मौजूदा पेशेवर संबंधों को और अधिक गति देने के लिहाज से भी महत्वपूर्ण थी। बैठक के दौरान सर्वोत्तम प्रथाओं को साझा करने और पेशेवर आदान-प्रदान जारी रखने पर सहमति व्यक्त की गई।
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(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम