भोपाल. 30 अगस्त (Udaipur Kiran) । लोक निर्माण मंत्री राकेश सिंह ने शुक्रवार को विभाग के अधिकारियों के साथ समीक्षा बैठक लेकर विभिन्न बिंदुओं पर विस्तार से चर्चा की और आवश्यक दिशा-निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव की समीक्षा बैठकों में प्राप्त सुझावों, नवाचारों एवं निर्देशों को समयबद्ध अनिवार्यतः लागू करें। उन्होंने बैठक में सड़क निर्माण के महत्व को रेखांकित करते हुए हर माह सड़क निर्माण का एक स्पष्ट लक्ष्य निर्धारित करने और उसकी प्रगति की नियमित समीक्षा करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में सड़क निर्माण की गति को रफ़्तार मिली है इसे और तेज करने के लिए निरंतर प्रयास जारी रखना है। साथ ही, उन्होंने अधिकारियों को लोकपथ मोबाइल ऐप में 15 नवंबर तक शेष सभी सड़कों को शामिल करने का निर्देश दिया, जिससे आमजनों को क्षतिग्रस्त सड़कों की शिकायत करने की सुविधा लोक निर्माण विभाग के संपूर्ण सड़क नेटवर्क पर मिल सके। उन्होंने बैठक के दौरान सड़क निर्माण में उच्च गुणवत्ता की सामग्री, जैसे बेहतरीन क्वालिटी के डामर और इमल्शन के उपयोग पर विशेष जोर दिया। उन्होंने कहा कि निर्माण में गुणवत्तापूर्ण मटेरियल का उपयोग सुनिश्चित किया जाए और रोड साइनेज तथा मार्किंग पर भी विशेष ध्यान दिया जाए। इस दौरान अपर मुख्य सचिव केसी गुप्ता, एमडी भवन विकास निगम चन्द्र मोहन ठाकुर सहित अन्य विभागीय अधिकारी उपस्थित रहे।
मंत्री सिंह ने राज्य में निर्माण परियोजनाओं की प्रभावी मॉनिटरिंग के लिए शासन स्तर पर एक मॉनिटरिंग सेल के शीघ्र गठन के निर्देश दिए। यह सेल 50 करोड़ से अधिक की सभी निर्माण परियोजनाओं की विशेष मॉनिटरिंग करेगी। विभाग के डैशबोर्ड का संचालन भी इसी सेल द्वारा किया जाएगा। उन्होंने कहा कि एरियल डिस्टेंस के आधार पर सड़कों की दूरी कम करने पर विचार किया जाये। उन्होंने अधिकारियों को 15 दिवस में इस पर एक रिपोर्ट प्रस्तुत करने के निर्देश दिये।उन्होंने निर्माण कार्यों में नवीनतम तकनीकों के उपयोग पर भी बल दिया और कंप्यूटरीकरण की दिशा में विभाग के लिये इंटीग्रेटेड प्रोजेक्ट मेनेजमेंट सिस्टम एवं रोड एसेट मैनेजमैट सिस्टम को शीघ्र लागू करने के निर्देश दिये। इंटीग्रेटेड प्रोजेक्ट मेनेजमेंट सिस्टम से समस्त अनुमतियां कम्प्यूटरीकृत प्रणाली से जारी होने पर परियोजना प्रबंधन में पारदर्शिता आएगी। निर्माण कार्यों की वित्तीय एवं भौतिक प्रगति की (रियल टाईम) मॉनिटरिंग संभव होगी। उन्होंने विभाग के डैशबोर्ड में आवश्यक बदलाब करने के निर्देश दिये।
उन्होंने मोबाइल जाँच लैब की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिये एवं वैन मौक़े पर जाकर सैंपल एकत्रित करेगा, जहाँ दो सैंपल लिये जायेंगे। एक सैंपल की जाँच मोबाइल वैन द्वारा जाँच जायेगा और दूसरा सैंपल रैंडम किसी थर्ड पार्टी को भेजा जायेगा। मंत्री सिंह ने कहा कि एनएचएआई द्वारा सड़क निर्माण में कई नवाचार किये जाते है इसके लिये प्रदेश में एक समिति गठित की जायेगी जो हर 6 माह में एनएचएआई के नवाचार का अध्ययन कर प्रदेश में लागू करेगी। बैठक में मंत्री सिंह ने निविदा प्रक्रिया को और अधिक पारदर्शी बनाने निविदा प्रारूप में कुछ संसोधन करने तथा साथ ही निविदा की दरें कम्पेटिटिव हो लेकिन कार्य की गुणवत्ता को प्रभावित न करें, इसका विशेष ध्यान रखने के निर्देश दिये। उन्होंने राज्य में किये जा रहे नवाचार के अतिरिक्त अन्य राज्यों में हो रहे नवाचारों का अध्ययन करने के लिए विभाग से अध्ययन दलों को भेजने का निर्देश दिया, जिससे उनकी सफलताओं को प्रदेश में भी लागू किया जा सके।
मंत्री सिंह ने कहा कि सड़कों के निर्माण के दौरान आवश्यक मिट्टी के लिये चिन्हित स्थान कि खुदाई सरोवर के रूप में की जाये, उन्होंने सड़क निर्माण के दौरान लोकनिर्माण सरोवरों के निर्माण को अनिवार्य करने के निर्देश दिए। उन्होंने निर्माण कार्यों में पर्यावरण संरक्षण के तहत सड़क निर्माण के दौरान पेड़ों को काटने के बजाये शिफ्ट करने और यह दोनों प्रावधान टेंडर में जोड़ने के निर्देश दिये। उन्होंने विभाग द्वारा निर्मित किये जा रहें सभी भवन निर्माणों में रेन वॉटर हार्वेस्टिंग अनिवार्य करने के भी निर्देश दिये।
बैठक में बताया कि विभाग द्वारा एफडीआर (फुल डेप्थ रिक्लेमिनेशन) तकनीकी से सड़क निर्माण का कार्य भी प्रारंभ किया गया है , जिसके अंतर्गत मौजूदा रोड को बिना हटाए उसके ऊपर ही मशीनों के द्वारा रिक्लेमिनेशन सामग्री का उपयोग कर रोड निर्माण किया जाता है। इसमें समय की बचत के साथ ही साथ निर्माण लागत में 15 से 30 प्रतिशत तक की कमी आती है। मंत्री श्री सिंह ने एफडीआर तकनीक का उपयोग शहरी मार्गों पर करने के निर्देश दिये। उन्होंने कहा कि सड़क निर्माण में माइक्रोसर्फेसिंग एवं व्हाईट टॉपिंग का उपयोग भी किया जाये।
मंत्री सिंह ने निर्माण कार्यों की गुणवत्ता पर विशेष ध्यान देने और औचक निरीक्षण की संख्या बढ़ाने के निर्देश दिए। उन्होंने दो साल से अधिक समय से लंबित परियोजनाओं की समीक्षा करने और देरी के कारणों का विश्लेषण कर त्वरित समाधान खोजने के भी निर्देश दिये। मंत्री सिंह ने फील्ड इंजीनियर्स के प्रशिक्षण की आवश्यकता पर जोर दिया, जिससे कार्यों की गुणवत्ता और समयबद्धता सुनिश्चित हो सके।उन्होंने फील्ड इंजिनर्स के लिये समयबद्ध प्रशिक्षण सालभर आयोजित करने के निर्देश दिये।
मंत्री सिंह ने सुझाव दिया कि आईआईटी जैसे प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों के छात्रों को विभाग की महत्वपूर्ण परियोजनाओं का भ्रमण कराया जाए और उनकी रिपोर्ट एवं सुझाव प्राप्त किए जाएं। इससे निर्माण कार्यों में नए दृष्टिकोण और उन्नत तकनीकों का समावेश संभव हो सकेगा।
मंत्री राकेश सिंह ने विभाग के अधिकारी और ठेकेदार बेहतर उत्साह और समर्पण से कार्य करें, इसके लिए अच्छा कार्य करने वाले इंजीनियरों और ठेकेदारों को सम्मानित करने के लिए उचित मापदंड तैयार करने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि कार्य गुणवत्ताविहीन होने पर नियमानुसार कार्रवाई भी की जायेगी। मंत्री सिंह ने अंत में कहा कि मुख्यमंत्री डॉ. यादव के निर्देश का पालन करते हुए विभाग सकारात्मक बदलाव की ओर अग्रसर।
(Udaipur Kiran) तोमर