Bihar

आपदाओं से लड़ने में बिहार का सहयोग करेगा इसरो 

बिहार आपदा प्रबंधन और इसरो के बीच एमओयू साइन के दौरान अधिकारीगण

-आपदा प्रबंधन प्राधिकरण और मौसम सेवा केंद्र का ‘सैक‘ के साथ एमओयू

पटना, 11 जनवरी (Udaipur Kiran) । बिहार राज्य आपदा प्रबंधन प्राधिकरण, बिहार मौसम सेवा केंद्र और इंडियन स्पेस रिसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) की संस्था स्पेस एप्लीकेशन सेंटर (सैक) के बीच अहमदाबाद में त्रिपक्षीय समझौते (एमओयू) पर आज हस्ताक्षर किया गया।

प्राधिकरण की ओर से सचिव मो वारिस खान (भा.प्र.से.), मौसम सेवा केंद्र की ओर से निदेशक डॉ सीएन प्रभु और ‘सैक‘ की ओर से निदेशक नीलेश एम देसाई ने एमओयू पर हस्ताक्षर किए।

पटना से वीडियो कांफ्रेंसिंग के जरिये प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ उदय कांत, इस महत्वपूर्ण क्षण के गवाह बने।

इस समझौते के तहत बाढ़, सुखाड़, लू, शीतलहर, वज्रपात और कुछ हद तक भूकम्प जैसी आपदाओं पर निरंतर निगरानी रखी जा सकेगी। इसके साथ ही कई प्रकार की आपदाओं की पूर्व चेतावनी में भी मदद मिलेगी। सैटेलाइट से मिलनेवाली तस्वीरों से नदियों की गहराई जानने और आउटकम असेसमेंट (जल प्रवाह अनुमान) के साथ बिहार में बाढ़ से होनेवाली क्षति को भी कम किया जा सकेगा।

आपदा प्रबंधन नीतियों को कार्यान्वित करने में उपग्रह से मिले डेटा का उपयोग किया जा सकेगा। समझौते के तहत उच्च शिक्षा ग्रहण कर रहे बिहार के विद्यार्थी रिसर्च और स्टडी के लिए सैक और इसरो जा सकेंगे। इनसे मिलनेवाले डेटा का इस्तेमाल रिसर्च के लिए कर सकेंगे।

इस अवसर पर ‘सैक‘ की ओर से निदेशक नीलेश एम. देसाई ने कहा कि रिमोट सेंसिंग डेटा सिर्फ आपदा प्रबंधन में ही नहीं, हर क्षेत्र के लिए इसका अपना महत्व है। बिहार ने इसका महत्व समझा और वह उन गिने-चुने राज्यों में है, जिसने हमारे साथ साझेदारी के लिए आक्रामक तरीके से प्रयास किए।

देसाई ने कहा कि आज बिहार अपनी ‘बीमारू‘ छवि ध्वस्त कर माननीय मुख्यमंत्री श्री नीतीश कुमार के दूरदर्शी नेतृत्व में जिस तेजी से प्रगति पथ पर अग्रसर है, वह एक मिसाल है। उन्होंने उम्मीद जताई कि यह समझौता कई अनमोल जिंदगियों को बचाने और बहुमूल्य संरचनाओं के संरक्षण में सहायक सिद्ध होगा।

प्राधिकरण के उपाध्यक्ष डॉ उदय कांत ने इस समझौते को बिहार के आपदा प्रबंधन के इतिहास में मील का पत्थर बताते हुए कहा कि इससे बाढ़, सूखा, लू, शीतलहर व वज्रपात जैसी आपदाओं का सटीक पूर्वानुमान करने की हमारी मौजूदा क्षमता में उल्लेखनीय वृद्धि होगी।

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(Udaipur Kiran) / गोविंद चौधरी

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