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लीमा (पेरू), 16 नवंबर (Udaipur Kiran) । एशिया-प्रशांत आर्थिक सहयोग मंच के शिखर सम्मेलन में यहां हिस्सा लेने पहुंचे जापान के प्रधानमंत्री शिगेरु इशिबा और चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग के बीच शुक्रवार को मुलाकात तो हुई पर रिश्तों में जमी बर्फ पूरी तरह नहीं पिघली। इशिबा ने शी से कहा कि जापान चीन के बढ़ते आक्रामक सैन्य युद्धाभ्यास से बेहद चिंतित है।
जापान टुडे समाचार पत्र की खबर में इस मुलाकात पर विस्तृत चर्चा की गई है। इसमें कहा गया कि हालांकि शिगेरु इशिबा ने जिनपिंग से अपनी पहली व्यक्तिगत वार्ता में परस्पर लाभकारी और स्थिर संबंधों को बढ़ावा देने पर जोर दिया। इशिबा ने कहा कि जापान और चीन के बीच कई मतभेद हैं। इन मतभेदों के बावजूद वह राष्ट्रपति जिनपिंग से परस्पर संवाद के पक्षधर हैं।
जापान के विदेश मंत्रालय के अनुसार, दोनों पक्ष विभिन्न स्तरों पर और अधिक बातचीत करने पर सहमत हुए। इनमें विदेश मंत्रियों की पारस्परिक यात्राएं और दोनों देशों की उच्चस्तरीय आर्थिक वार्ता शामिल है। हालांकि चीन अपने क्षेत्रीय दावों पर जोर देने के लिए जापान-नियंत्रित द्वीप के साथ-साथ ताइवान और दक्षिण चीन सागर में आक्रामक नौसैनिक और हवाई गतिविधियां जारी रखता है। इस साल अगस्त में एक चीनी सैन्य विमान ने जापान के हवाई क्षेत्र में घुसपैठ की थी। इसके अगले माह दक्षिणी चीनी शहर शेन्जेन में एक जापानी स्कूली छात्र की चाकू मारकर हत्या कर दी गई।
इशिबा ने कहा कि उन्होंने शी से जापानी नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने का आग्रह किया। इस पर शी ने सभी विदेशियों के लिए ऐसा करने का वादा किया। इस मुलाकात पर चीन के विदेश मंत्रालय के अनुसार, शी ने दोहराया कि जापान को अपने इतिहास का सामना करना चाहिए और ताइवान के भविष्य जैसे संवेदनशील मुद्दों से ठीक से निपटना चाहिए। चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार, शी ने कहा कि चीन रचनात्मक और स्थिर संबंध बनाने के लिए जापान के साथ सहयोग करने के लिए तैयार है।
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(Udaipur Kiran) / मुकुंद
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