RAJASTHAN

रामबाग गोल्फ क्लब में अनियमितताओं की जांच एसओजी से करवाई जाएगी: नगरीय विकास एवं आवासन राज्य मंत्री

SOG to investigate irregularities in Rambagh Golf Club

जयपुर, 15 जुलाई (Udaipur Kiran) । नगरीय विकास एवं आवासन राज्य मंत्री झाबर सिंह खर्रा ने सोमवार को राज्य विधान सभा में बताया कि रामबाग गोल्फ क्लब में प्रबंध समिति एवं कार्यकारी समिति द्वारा अनियमितताओं की शिकायत की जांच स्पेशल ऑपरेशन ग्रुप (एसओजी) से करवाकर प्रभावी कार्रवाई की जाएगी।

खर्रा शून्यकाल में मालवीय नगर विधायक कालीचरण सराफ द्वारा ध्यानाकर्षण प्रस्ताव के माध्यम से इस सम्बन्ध में उठाये गए मामले पर जवाब दे रहे थे। उन्होंने सदन को आश्वस्त किया कि इस सम्बन्ध में सर्वोच्च न्यायालय में लम्बित याचिका को महाधिवक्ता से राय लेकर तथा प्रभावी पैरवी करवाकर निस्तारण के प्रयास किये जाएंगे। साथ ही, रामबाग गोल्फ क्लब को दिल्ली विकास प्राधिकरण द्वारा संचालित गोल्फ क्लब की तर्ज पर संचालित करने के लिए आवश्यक कदम उठाए जाएंगे।

इससे पूर्व नगरीय विकास एवं आवासन राज्य मंत्री ने बताया कि रामबाग गोल्फ क्लब के लिए वर्ष 1973 में जमीन अधिग्रहित की गई थी। अधिग्रहण के बाद राजस्थान उच्च न्यायालय में कई रिट याचिकाएं दायर हुई तथा खण्डपीठ का फैसला आया, जिस पर सर्वोच्च न्यायालय ने रोक लगा दी। तब से सर्वोच्च न्यायालय में वह याचिका लम्बित है। उन्होंने बताया कि रामबाग गोल्फ क्लब जेडीए की जमीन पर बना हुआ है और अभी तक इसका कोई एमओयू नहीं हुआ है। अधीनस्थ न्यायालय द्वारा क्लब की नवीन सदस्यता पर रोक लगाई गई है।

खर्रा ने बताया कि रामबाग गोल्फ क्लब में नगरीय विकास एवं आवासन विभाग के शासन सचिव अध्यक्ष तथा जयपुर विकास प्राधिकरण के आयुक्त उपाध्यक्ष हैं, लेकिन क्लब की प्रबंध समिति एवं कार्यकारी समिति में सरकार का कोई प्रतिनिधित्व नहीं है।

नगरीय विकास एवं आवासन राज्य मंत्री ने बताया कि विगत दिनों जारी एजेंडा नोट में क्लब के सम्पूर्ण विधान को बदलने का प्रस्ताव था। क्लब द्वारा जयपुर विकास प्राधिकरण की बगैर स्वीकृति के आमसभा आहूत किये जाने पर प्रमुख शासन सचिव ने बैठक को आगामी आदेश तक स्थगित कर दिया।

खर्रा ने बताया कि जेडीए द्वारा क्लब के मौजूदा विधान में कोई परिवर्तन नहीं किया गया है। साथ ही, क्लब के लिए सदस्यता राशि में भी कोई बदलाव नहीं किया गया है। नये सदस्य बनाये जाने तथा टर्मिनेट सम्बन्धी प्रकरण उच्च न्यायालय में विचाराधीन है। उन्होंने बताया कि क्लब द्वारा जयपुर विकास प्राधिकरण की भूमि के एक हिस्से पर कुछ निर्माण कार्य किये गए थे, जिसकी शिकायत मिलने पर जयपुर विकास प्राधिकरण द्वारा 9 फरवरी, 2024 को उन्हें ध्वस्त कर दिया गया।

(Udaipur Kiran)

(Udaipur Kiran) / प्रभात मिश्रा

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