रायपुर, 25 जुलाई (Udaipur Kiran) ।छत्तीसगढ़ विधानसभा में गुरुवार को भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने ध्यानाकर्षण के जरिए दवा और उपकरण खरीद में अनियमितता का मामला उठाया।उन्होंने कहा कि बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार हुआ है, क्या इसकी जांच कराई जाएगी? स्वास्थ्य मंत्री श्यामबिहारी जायसवाल ने पहले तो इससे इंकार किया लेकिन जब विधायकों ने तथ्य बताया तो मंत्री ने कहा कि तीन आईएएस अधिकारियों की समिति जांच कर रही है। तीन महीने के भीतर जांच कराई जाएगी।
भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने कहा कि सीजीएमएससी ने दवा और मेडिकल उपकरण की खरीद में जमकर भ्रष्टाचार किया गया है। एजी ने भी अपनी रिपोर्ट में इस पर आपत्ति जताई थी। नियमों के विरुद्ध बाजार दर से अधिक कीमत पर खरीद की गई। बिना मांग सरकारी अस्पतालों में जांच किट भेजी गई।तीस से अधिक जिलों में बग़ैर डिमांड के रिएजेंट भेज दिया गया।इसकी खरीद कई गुना अधिक दर पर की गई। लगातार शिकायत के बाद भी अब तक कार्रवाई नहीं हुई।
स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने बताया कि खुली निविदा जारी कर सीजीएमएससी ने दवा और उपकरण की खरीद की है।एजी रिपोर्ट आने के बाद तथ्य देकर विभाग उसका निराकरण करता है। अन्य राज्यों के कारपोरेशन की दरों की तुलना कर खरीद का दर तय किया जाता है। पिछले तीन सालों में बगैर डिमांड के खरीद नहीं की गई है। उन्होंने कहा कि हमर लैब में लगने वाले एनालाइजर और रिएजेंट की खरीद डिमांड आने के बाद ही की गई है।रिएजेंट कालातीत नहीं हुए है। राज्य के प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में रिएजेंट के खराब होने का आरोप सत्य नहीं है।ऑटो एनालाइजर मशीन की खरीदी कई गुना दर पर खरीद का आरोप भी सही नहीं है। खुली निविदा कर एल वन प्राप्त होने के बाद ही खरीद की गई है।
भाजपा विधायक धरमलाल कौशिक ने कहा कि ये अरबों रुपए के घोटाले का मामला है। 12- 13 दिसंबर 1022 को एजी रिपोर्ट के आधार पर शिकायत किसने की थी? किन-किन लोगों के खिलाफ शिकायत हुई थी। स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि सीएजी की ऑडिट सतत् चलने वाली प्रक्रिया है। अब तक कुल 25 शिकायत प्राप्त हुई हैं, इनमें से 15 शिकायतों का निराकरण हो गया है। दस शिकायतें प्रक्रियाधीन हैं।
धरमलाल कौशिक ने कहा कि मीनाक्षी गौतम सीजीएमएससी में महाप्रबंधक वित्त के पद पर थी,क्या इनके विरुद्ध शिकायत हुई थी? स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि विभाग को मीनाक्षी गौतम के विरुद्ध कोई शिकायत प्राप्त नहीं है।
कौशिक ने पूछा कि ट्यूब की खरीद किस दर पर की गई थी।स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सौ ट्यूब के एक बंडल 2352 रुपये में खरीद बताई गई थी।अन्य संस्थानों में 8 रुपये 50 पैसे की दर थी। मोक्षित कॉपोरेशन से 100 रुपये की दर पर खरीद की गई। धरमलाल कौशिक ने कहा कि सिविल सर्जन रायगढ़ ने 2.15 पैसे में खरीदा था। सरगुजा में लगभग इसी दर पर खरीद की थी।
कौशिक ने पूछा- डी डाइमर 2022 में किस दर पर खरीद गई थी? स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि सीजीएमएससी द्वारा सैकड़ों प्रकार के आइटम की खरीद होती है,स्पेसिफ़िक बता पाना मुश्किल है। इस पर भाजपा विधायक ने कहा कि सीजीएमएससी ने 10 लाख 95 हज़ार में ख़रीदा है। आज की कीमत ऑनलाइन पांच लाख रुपये है. यानी डबल दर पर खरीद की गई।
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि जैसे मोबाइल है एपल,इसके कई वेरियेंट होते हैं. वेरियेंट के हिसाब से उसकी दर तय होती है।इसी तरह अलग-अलग वेरियेंट की खरीद उसके स्पेसिफ़िकेशन के आधार पर ख़रीदी होती है।जेम पोर्टल पर दिखाए जाने वाले स्पेसिफ़िकेशन और क्वालिटी में अंतर होता है। गुण-दोष का अंतर है।कौशिक ने कहा कि गुण-दोष का अंतर नहीं है, यहां कमीशन का मसला है।
इसके साथ उन्होंने सवाल किया इस मामले की जांच के लिये एक कमेटी बनाई गई थी, क्या जांच रिपोर्ट आ गई? श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि पिछली सरकार में दवा खरीद और उपकरण खरीद में बड़े पैमाने पर गड़बड़ी हुई थी। साय सरकार आने के बाद इन मामलों की जांच के लिये एक कमेटी बनाई गई है, जांच व्यापक है, इसलिए समय लगेगा।धरमलाल कौशिक ने पूछा कि इस मामले की क्या उच्च स्तरीय जांच कराई जाएगी?
स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि तीन महीने के भीतर इसकी जांच कराई जाएगी। भाजपा विधायक अमर अग्रवाल ने पूछा कि दवा खरीद और उपकरण खरीद की डिमांड कैसे आती है और इसकी खरीद कैसे होती है? स्वास्थ्य मंत्री ने कहा कि स्वास्थ्य विभाग के डायरेक्टर, एनएचएम द्वारा डिमांड भेजा जाता है,इस डिमांड के आधार पर खरीद होती है।
विधायक अमर अग्रवाल ने कहा कि जहां ज़रूरत भी नहीं थी। उन जगहों के लिए भी डिमांड भेजी गई। सप्लायर डिमांड क्रियेट कराते हैं।उसके बाद डिमांड भेजी जाती है। ऐसे प्रकरणों की क्या ईओडब्ल्यू से जांच कराई जाएगी? स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कहा कि तीन आईएएस अधिकारियों की टीम इस प्रकरण की जांच कर रही है।
(Udaipur Kiran)
(Udaipur Kiran) / केशव केदारनाथ शर्मा / गायत्री प्रसाद धीवर