तेहरान, 08 अप्रैल (Udaipur Kiran) । ईरान के विदेश मंत्री अब्बास अराघची ने मंगलवार को कहा कि अगर अमेरिका बातचीत में पर्याप्त सद्भावना दिखाता है, तो दोनों देशों के बीच एक नया परमाणु समझौता संभव है। यह बातचीत शनिवार से ओमान में शुरू होने वाली है।
अराघची ने स्पष्ट किया कि ईरान का प्रमुख लक्ष्य अमेरिका द्वारा लगाए गए कड़े प्रतिबंधों को हटाना है, जो 2018 में पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा पुराने परमाणु समझौते से हटने के बाद फिर से लागू कर दिए गए थे। इन प्रतिबंधों ने ईरानी अर्थव्यवस्था को गंभीर नुकसान पहुंचाया है।
अमेरिकी राष्ट्रपति ट्रंप ने सोमवार को व्हाइट हाउस में इजराइली प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ बैठक के दौरान इन वार्ताओं की घोषणा की। उन्होंने कहा कि यह बातचीत प्रत्यक्ष होगी, जबकि अराघची ने कहा कि ईरान की ओर से अमेरिका के मध्य पूर्व दूत स्टीव विटकॉफ के साथ बातचीत अप्रत्यक्ष ही होगी।
अराघची ने कहा, हम किसी भी अन्य प्रकार की बातचीत को स्वीकार नहीं करेंगे। बातचीत का प्रारूप उतना महत्वपूर्ण नहीं है, जितना कि उसकी प्रभावशीलता। यदि अमेरिका इच्छाशक्ति दिखाता है, तो समझौता संभव है। गेंद अब अमेरिका के पाले में है।
वहीं ट्रंप ने भी कहा कि वह समझौते की उम्मीद कर रहे हैं, लेकिन साथ ही चेतावनी दी कि अगर बातचीत विफल रही, तो ईरान गंभीर खतरे में होगा। एक साक्षात्कार में ट्रंप ने यहां तक कहा, “अगर वे समझौता नहीं करते, तो बमबारी होगी।”
इस बीच रूस और चीन ने भी ओमान में प्रस्तावित बातचीत का स्वागत किया है। क्रेमलिन के प्रवक्ता ने कहा, ऐसे प्रयासों से क्षेत्र में तनाव कम हो सकता है और रूस इसका पूर्ण समर्थन करता है। चीन ने भी अमेरिका से अत्यधिक दबाव डालने की नीति छोड़ने और वार्ता के प्रति राजनीतिक ईमानदारी दिखाने की अपील की।
—————
(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय
