धमतरी ,14 नवंबर (Udaipur Kiran) ।बाल दिवस के अवसर जिले के 1296 प्राथमिक और माध्यमिक स्कूलों में न्योता भोज का आयोजन किया गया। बाल दिवस के अवसर पर प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजना संचालित जिले के शालाओं में जनप्रतिनिधियों, शाला विकास समिति के अध्यक्ष, सदस्यों और अधिकारी, कर्मचारियों द्वारा न्योता भोज का आयोजन किया गया।
’’न्योता भोजन’’ में जिले की 1296 स्कूलों के कुल 61 हजार 469 छात्र-छात्राएं लाभान्वित हुए। शासकीय माध्यमिक विद्यालय मोहेरा में जिला शिक्षा अधिकारी टीआर जगदल्ले, शाला प्रबंधन समिति के अध्यक्ष, सदस्य, सरपंच एवं ग्रामीण जन उपस्थित रहे। बच्चों द्वारा खेलकूद एवं विभिन्न कार्यक्रम संपन्न हुआ। साथ में संकुल केंद्र मोहेरा के शासकीय प्राथमिक शाला मोहेरा, शासकीय प्राथमिक शाला कमार पारा, शासकीय प्राथमिक शाला कुकरीनाला, शासकीय प्राथमिक शाला निरई, शासकीय प्राथमिक शाला घिकुड़िया, शासकीय प्राथमिक शाला सरईभदर में बाल दिवस एवं न्योता भोज का कार्यक्रम हर्षाउल्लास के साथ मनाया गया। इसी प्रकार प्राथमिक एवं माध्यमिक शाला रूद्री में न्योता भोज कार्यक्रम में अपर कलेक्टर जीआर. मरकाम एवं सहायक संचालक लीलाधर चौधरी ने उपस्थित होकर बच्चों को सेव, केला एवं मिठाई का वितरण किया।
मालूम हो कि प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण योजनांतर्गत सभी शासकीय एवं अनुदान प्राप्त प्राथमिक एवं माध्यमिक स्कूलों में ‘‘न्योता भोजन‘‘ की अवधारणा, मूल रूप से भारत सरकार की प्रधानमंत्री पोषण शक्ति निर्माण की गाईडलाईन से लिया गया है। जिले में 16 फरवरी 2024 से न्योता भोजन लागू किया गया है। यह विभिन्न त्यौहारों, अवसरों जैसे वर्षगांठ, जन्मदिन, विवाह और राष्ट्रीय पर्व आदि पर बड़ी संख्या में लोगों को भोजन प्रदान करने की भारतीय परम्परा पर आधारित है। इसी आधार पर छग राज्य में तिथि भोजन को ’’ न्योता भोजन’’ के नाम से लागू किया गया है। समुदाय के सदस्य ऐसे अवसरों-त्योहारों पर अतिरिक्त खाद्य पदार्थ या पूर्ण भोजन के रूप में बच्चों को पौष्टिक और स्वादिष्ट भोजन प्रदान कर सकते हैं। यह पूरी तरह स्वैच्छिक है और समुदाय के लोग अथवा कोई भी सामाजिक संगठन या तो पूर्ण भोजन का योगदान कर सकते हैं या अतिरिक्त पूरक पोषण के रूप में मिठाई, नमकीन, फल या अंकुरित अनाज आदि के रूप में खाद्य सामग्री का योगदान कर सकते हैं। न्योता भोजन शाला में दिये जाने वाले भोजन का विकल्प नहीं है, बल्कि यह केवल शाला में प्रदान किए जाने वाले भोजन का पूरक है।
(Udaipur Kiran) / रोशन सिन्हा