नई दिल्ली, 7 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । केंद्र सरकार ने अल्कली मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन की शिकायत पर देश में सोडा ऐश डंपिंग की जांच शुरू कर दी है। इस जांच के दायरे में चीन, रूस, अमेरिका, तुर्किए और ईरान जैसे देशों से होने वाले सोडा ऐश के इंपोर्ट को शामिल किया गया है। जांच के दायरे में बड़े पैमाने पर सोडा ऐश का इस्तेमाल करने वाली केमिकल कंपनियां के आने की वजह से इन कंपनियों के शेयरों पर भी आज काफी असर पड़ा।
इस संबंध में मिली जानकारी के अनुसार अल्कली मैन्युफैक्चरर्स एसोसिएशन की ओर से टाटा केम, आरएसपीएल, निरमा, डीसीडब्ल्यू और जीएचसीएल ने काफी कम कीमत पर सोडा ऐश का इंपोर्ट होने की शिकायत की थी। संगठन का कहना है कि सोडा ऐश के सस्ते इंपोर्ट से भारतीय कंपनियों के मुनाफे पर असर पड़ रहा है। शिकायत में बताया गया है कि चीन में सोडा ऐश का प्रोडक्शन काफी अधिक हो रहा है, जिसकी वजह से वहां से बड़े पैमाने पर काफी कम कीमत में भारतीय बाजार में सोडा ऐश की सप्लाई की जा रही है। ऐसा होने से भारतीय उद्योग भी प्रभावित हो रहे हैं।
सोडा ऐश के अलावा केंद्र सरकार भारतीय बाजार में पैरा नाइट्रोटौल्यूईन की डंपिंग की भी जांच कर रही है। मेसर्स दीपक नाइट्राइट ने केंद्र सरकार से पैरा नाइट्रोटौल्यूईन की डंपिंग की शिकायत की थी। इस केमिकल का इंपोर्ट मुख्य रूप से यूरोपीय यूनियन के सदस्य देशों से किया जाता है। इसके अलावा कुछ अन्य देशों से भी इस केमिकल को मंगाया जाता है। केंद्र सरकार ने शिकायत मिलने के बाद अब यूरोपीय यूनियन और दूसरे देशों से होने वाले इंपोर्ट की जांच शुरू कर दी है।
सोडा ऐश और पैरा नाइट्रोटौल्यूईन के डंपिंग की जांच शुरू होने के बाद आज स्टॉक मार्केट में केमिकल सेक्टर से जुड़ी कंपनियों के शेयर पर भी निगेटिव असर पड़ता हुआ नजर आया। आज के कारोबार में सबसे अधिक 6.7 प्रतिशत की गिरावट फर्टिलाइजर एंड केमिकल के शेयर में देखी गई। इसी तरह कोरोमंडल इंटरनेशनल के शेयर 3 प्रतिशत की गिरावट के साथ और टाटा केमिकल्स के शेयर 4.6 प्रतिशत की गिरावट के साथ बंद हुए।
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(Udaipur Kiran) / योगिता पाठक