– विवेचना अधिकारी को वार्निंग न देने या एक्शन न लेने पर एसपी भदोही भी तलब
प्रयागराज, 18 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाई कोर्ट ने दहेज उत्पीड़न केस में सुप्रीम कोर्ट की गाइडलाइंस का उल्लंघन कर रिश्तेदारों सहित पूरे परिवार के खिलाफ चार्जशीट दायर करने वाली विवेचना अधिकारी समेत एसपी भदोही को 22 अक्टूबर को हाजिर होने का निर्देश दिया है। कोर्ट ने याचियों के खिलाफ किसी प्रकार के उत्पीड़नात्मक कार्रवाई पर लगी रोक भी बढ़ा दी है।
यह आदेश न्यायमूर्ति मंजूरानी चौहान ने अंकित कुमार दूबे एवं 7 अन्य की याचिका की सुनवाई करते हुए दिया है। याचिका में ट्रायल कोर्ट के सम्मन आदेश व पुलिस चार्जशीट की वैधता को चुनौती दी गई है। याचियों के खिलाफ महिला थाना भदोही में दहेज उत्पीड़न के आरोप में एफआईआर दर्ज की गई है। याची की शादी 11 जून 22 को हुई थी। पत्नी ने अविवाहित देवर, विवाहित ननद-ननदोई को भी आरोपित बनाया है।
कोर्ट ने एसपी से जानकारी मांगी थी कि रिश्तेदारों सहित पूरे परिवार के खिलाफ कैसे चार्जशीट दाखिल की गई है और विवेचना अधिकारी को तलब किया था। कोर्ट के निर्देशानुसार एसपी भदोही डॉ मीनाक्षी कात्यायन ने व्यक्तिगत हलफनामा दाखिल किया जिसमें विवेचना अधिकारी के खिलाफ वार्निंग या एक्शन का कोई उल्लेख नहीं है। कोर्ट में हाजिर विवेचना अधिकारी गीता राय से पूछने पर उन्होंने संतोषजनक जवाब नहीं दिया। आखिर किस आधार पर रिश्तेदारों सहित पूरे परिवार के खिलाफ चार्जशीट दायर की और वह कारण भी नहीं बता सकी।
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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे