अजमेर, 19 नवम्बर (Udaipur Kiran) । राजस्थान केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो आनंद भालेराव ने कहा कि शिक्षकों के शैक्षिक विकास में आधुनिक दृष्टिकोण व तकनीकों से परिचय जरूरी है। शिक्षकों को प्रयोगशाला विकास और मैनुअल तैयार करने के क्षेत्र में आवश्यक कौशल प्रदान करना इस कार्य की प्राथमिक जरूरत है। इससे शिक्षण प्रक्रियाओं को और अधिक प्रभावी बनाए रखा जा सकता है।
कुलपति प्रो आनंद भाले राव राजस्थान केन्द्रीय विश्वविद्यालय में शिक्षकों के लिए प्रयोगशाला विकास व मैनुअल तैयार करने का प्रशिक्षण विषय पर केंद्रित पांच दिवसीय क्षमता निर्माण कार्यक्रम के उद्धाटन सत्र को संबोधित कर रहे थे। यह कार्यक्रम 22 नवंबर तक चलेगा, जिसमें गुणवत्ता सुधार और नवीन शिक्षण पद्धतियों पर विशेष ज़ोर दिया जा रहा है। कार्यक्रम का विषय प्रयोगशाला अनुभव विकसित करना, परिणाम आधारित शिक्षा, संसाधनों का अधिकतम उपयोग आदि है।
कार्यक्रम के उद्घाटन सत्र की अध्यक्षता करते हुए स्कूल ऑफ अर्थ साइंसेज के डीन, डॉ. देवेश कुमार ने आधुनिक शिक्षा में सुसज्जित प्रयोगशालाओं की भूमिका पर प्रकाश डाला और शिक्षण के तरीकों में बदलाव की आवश्यकता पर जोर देते हुए कहा कि शिक्षण विधियों में सुधार के लिए प्रयोगशाला सुविधाओं का पर्याप्त होना आवश्यक है।
कार्यक्रम के पहले दिन एनआईटीटीटीआर भोपाल से विशेषज्ञ के रूप में आए वक्ता प्रो. ए. एस. वाल्के और डॉ. सुसन एस. मैथ्यू ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 के संदर्भ में परिणाम-आधारित शिक्षा के लक्ष्यों पर चर्चा की। साथ ही दोनों वक्ताओं ने प्रभावी प्रयोगशालाओं के डिजाइन, स्मार्ट उद्देश्यों की अवधारणा और सटीक शैक्षिक लक्ष्यों को प्राप्त करने के लिए महत्वपूर्ण रणनीतियों पर अपने विचार साझा किए।
इस कार्यक्रम का समन्वय डॉ. नरेंद्र कुमार, डॉ. शैज़ी अहमद, डॉ. रुचि मलिक और डॉ. सुखमंदर सिंह द्वारा किया गया, और यह आयोजन कुलपति प्रो. आनंद भालेराव के नेतृत्व में सफलता पूर्वक आयोजित किया जा रहा है।
—————
(Udaipur Kiran) / संतोष