गुवाहाटी, 6 दिसंबर (Udaipur Kiran) । भारत में पहली बार पूर्वोत्तर सीमा रेलवे (पूसीरे) ने प्वाइंट्स और क्रॉसिंग के त्वरित अनुरक्षण के लिए हाइड्रा क्रेन और बैक-हो लोडर्स जैसी सड़क मशीनरी के उपयोग कर रहा है। रेलवे नेटवर्क के दाे महत्वपूर्ण घटक प्वाइंट्स और क्रॉसिंग हैं तथा ट्रेनों को ट्रैक बदलने और एक ट्रैक से दूसरे ट्रैक पर सुरक्षित रूप से पार कराने में महत्वपूर्ण हैं। रेलवे ने यह नवाचार 29 नवंबर, 2024 से मालीगांव, गुवाहाटी स्थित पांडु मशीन साइडिंग में प्रायोगिक आधार पर शुरू किया गया। रेल पटरियों की संरक्षा और समय पर अनुरक्षण सुनिश्चित करने की दिशा में इस जोन के पहलों में यह एक महत्वपूर्ण उपलब्धि है। यह जानकारी पूसीरे के सीपीआरओ कपिंजल किशोर शर्मा ने दी। शुक्रवार को उन्होंने बताया है कि भारतीय रेल में पटरियों का अनुरक्षण आमतौर पर ट्रैक मशीनों से करती हैं, जो रेलवे संरक्षा को बढ़ाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। वर्तमान में, भारतीय रेल में 1684 ट्रैक मशीनें सेवा में हैं तथा 301 और मशीनों की आपूर्ति की जा रही है। इनमें बलास्ट क्लीनिंग मशीन, टैंपिंग मशीन, डायनेमिक ट्रैक स्टेबलाइजर्स, मक डिस्पोजल यूनिट और कई अन्य मशीनें शामिल हैं। उल्लेखनीय है कि प्रधानमंत्री की पहल “मेक इन इंडिया” और “आत्मनिर्भर भारत” के अनुरूप रेलवे काम कर रहा है। भारत ने इन उपकरणों को यूएसए, कनाडा और ऑस्ट्रेलिया जैसे देशों को निर्यात करना भी शुरू कर दिया है।
(Udaipur Kiran) / अरविन्द राय