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
गोरखपुर, 18 दिसम्बर (Udaipur Kiran) । संस्कृत एवं प्राकृत भाषा विभाग में अन्तरराष्ट्रीय पालि परिसंवाद कार्यक्रम गुरूवार काे होना सुनिश्चित हुआ है। जिसकी अध्यक्षता प्रो. पूनम टंडन, कुलपति, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय करेंगी। मुख्य अतिथि के रूप में बुद्धिस्ट एवं पालि विश्वविद्यालय श्रीलंका के एसोसिएट प्रोफेसर डॉ वेन कण्देगामा दीपवंसालंकार थेरो पालि साहित्य एवं भाषा में शोध के नवीन आयाम विषय पर मुख्य वक्तव्य देंगे।
विशिष्ट अतिथि के रूप में डॉ यशवंत सिंह राठौर, निदेशक, बौद्ध संग्रहालय गोरखपुर उपस्थित रहेंगे तथा सारस्वत अतिथि डॉ रामवंत गुप्त, निदेशक, अंतरराष्ट्रीय प्रकोष्ठ, दीनदयाल उपाध्याय गोरखपुर विश्वविद्यालय होंगे। इस अवसर पर परिसंवाद के संयोजक डॉ कुलदीपक शुक्ल द्वारा सम्पादित एवं डिस्काउन्ट ग्रुप आफ पब्लिशर्स द्वारा प्रकाशित दो पुस्तकों सप्तपर्णम् एवं कालिदास साहित्य का अन्तः शास्त्रीय विमर्श का विमोचन भी किया जाएगा। यह जानकारी विभागाध्यक्ष प्रो. राजवंत राव ने दी।
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(Udaipur Kiran) / प्रिंस पाण्डेय
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