– बुधवार को 5108 आचार्य करेंगे गीता पाठ, मुख्यमंत्री होंगे शामिल
उज्जैन, 10 दिसंबर (Udaipur Kiran) । उज्जैन स्थित कालीदास अकादमी में आयोजित पांच दिवसीय अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के तीसरे दिन मंगलवार देर शाम सांस्कृतिक कार्यक्रम के तहत कलापिनी कोमकली के सुरों और कुमार शर्मा के नृत्य नाट्य में श्रीकृष्ण की विभिन्न लीलाओं का प्राकट्य हुआ। वहीं, बुधवार को गीता जयंती के अवसर पर 5108 आचार्य गीता का पाठ करेंगे। इसमें मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शामिल होंगे।
महोत्सव में मंगलवार की शाम कालीदास अकादमी के मंच पर पहली प्रस्तुति शास्त्रीय गायिका कलापिनी कोमकली ने श्रीकृष्ण भक्ति पर आधारित भजनों की दी। कलापिनी की गायन शैली उनके पिता के संगीत दर्शन से प्रभावित है, जिसमें सरलता, मौलिकता और गहराई का समावेश है। वे लोकसंगीत और शास्त्रीय संगीत के बीच एक अद्भुत संगम प्रस्तुत करती हैं।
कार्यक्रम की दूसरी प्रस्तुति युवा नर्तक कुमार शर्मा द्वारा निर्देशित श्रीकृष्ण नृत्य नाटिका ‘अनेक नाम-अनेक धाम’ थी। इस नृत्य नाटिका में श्रीकृष्ण के जीवन के विभिन्नि प्रसंगों को नृत्य संगीत के माध्यम से प्रस्तुत किया गया। इनमें यशोदानंदन, गोविंद रूप, बांकेबिहारी, रासबिहारी, द्वारकाधीश व महाभारत के रण में कृष्ण शामिल हैं। लगभग एक घंटे की इस प्रस्तुति में लय और ताल का अनोखा मिश्रण दिखा। कुमार शर्मा और उनके दल के 17 कलाकारों ने इस नृत्य नाटिका को प्रस्तुत किया। इसके पूर्व राजेश सिंह कुशवाहा, रमन सोलंकी व महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी ने कलाकारों का स्वागत किया।
श्रीमद्भगवद्गीता आधारित संवाद
इससे पहले अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव में श्रीमदभगवद्गीता आधारित संवाद का आयोजन हुआ। परिचर्चा में यूक्रेन से आए लेविनेक ने बताया कि उनके जीवन के परिवर्तन में गीता का महत्व रहा है। रूस से आए मालिकेव ने कलयुग में हरिनाम संकीर्तन के महत्व को समझाया। गीता जयंती महोत्सव के तहत कालिदास अकादमी में बच्चों की गीता पर आधारित विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ।
महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ के सभागार में आयोजित विचार समागम की अध्यक्षता विक्रम विश्वविद्यालय के कुलानुशासक प्रो. शैलेंद्र कुमार शर्मा ने की। कार्यक्रम के मुख्य अतिथि शोधपीठ के निदेशक श्रीराम तिवारी, पद्मश्री डॉ.भगवतीलाल राजपुरोहित एवं कार्य परिषद सदस्य राजेश सिंह कुशवाह एवं पुरातत्वविद नारायण व्यास, डॉ. रमन सोलंकी थे।
परिचर्चां को संबोधित करते हुए पद्मश्री डॉ. भगवतीलाल राजपुरोहित ने कहा कि गीता एक समाधान ग्रन्थ है, जो प्रवृत्ति से निवृत्ति का मार्ग दिखाती है। डॉ. रमण सोलंकी ने गीता के प्रदर्शक श्रीकृष्ण की शिक्षा स्थली उज्जैन में पुरातात्विक साक्ष्यों पर प्रकाश डाला। अध्यक्षीय उद्बोधन के रूप में प्रो. शैलेंद्र शर्मा ने बताया कि यह विश्व का एकमात्र ग्रंथ है जो जीवन में भी उपयोगी है और जीवन पर्यंत भी उपयोगी है।
जगत जीवन दास ने बताया कि जीवन में गीता न केवल सफलता का सूत्र बताती है बल्कि वह असफलता में भी आपको मार्गदर्शन करती है। संगोष्ठी में डॉ. जगदीश शर्मा, डॉ. अजय शर्मा, डॉ. मंजू यादव, डॉ. नेहा चोरे मौजूद थे। संचालन डॉ. प्रीति पांडे किया व आभार डॉ. दिनेश दिग्गज ने माना।
बच्चों ने मंच से सुनाए गीता के श्लोक
महोत्सव के तहत कालीदास संस्कृत अकादमी के संकुल हाल में सुबह से शाम तक गीता पर आधारित विभिन्न प्रतियोगिताओं का आयोजन हुआ। मंच से बच्चों ने गीता के श्लोक सुनाए। वहीं गीता पर आधारित प्रश्रोतरी, निबंध लेखन, चित्रकला के लिए कक्षा 9 से 12 तक के स्कूली विद्यार्थियों के साथ ही अन्य प्रांत से भी करीब 400 बच्चों ने भागीदारी की।
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव शामिल होंगे
मुख्यमंत्री डॉ. मोहन यादव के मुख्य आतिथ्य में बुधवार, 11 दिसंबर को अंतरराष्ट्रीय गीता महोत्सव के अंतर्गत कालीदास संस्कृत अकादमी परिसर में शाम 7 बजे सारस्वत उद्बोधन होगा। कार्यक्रम की अध्यक्षता संस्कृति पर्यटन धार्मिक न्यास एवं धर्मस्व मंत्री धर्मेंद्र सिंह लोधी करेंगे। बुधवार को सुबह 9 बजे से सांस्कृतिक कार्यक्रम आयोजित किए जाएंगे। सुबह 10 बजे प्रवचन होंगे, सुबह 11 बजे 5 हजार 108 आचार्य गीता पाठ करेंगे।
विवेक बिंद्रा की मोटिवेशनल स्पीच भी
गीता जयंती पर बुधवार को मोटिवेशनल स्पीकर विवेक बिंद्रा की मोटिवेशनल स्पीच, श्रीमद्भागवत गीता एवं मूल्य आधारित शिक्षा प्रतियोगिताओं के पुरस्कार वितरण, श्रीगणेश गीता, श्रीराम गीता, श्रीदेवी गीता, श्रीशिव गीता, श्रीयम गीता, भारतीय ज्ञान परम्परा के विविध आयाम, समय का भारतीयकरण पुस्तकों एवं श्रीमद्भागवद् गीता पाठ पर आधारित वीडियो का लोकार्पण, सुदर्शन चक्र की संगीतमय यात्रा- श्रीकृष्ण गाथा नृत्य नाट्य की प्रस्तुति होगी। 12 दिसंबर को सुबह 8 बजे से सम्पूर्ण गीता पाठ एवं यज्ञ किया होगा।
(Udaipur Kiran) तोमर