नई दिल्ली, 04 मार्च (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट ने सभी राज्य सरकारों और संघ शासित प्रदेशों को निर्देश दिया है कि वो वन क्षेत्रों की पहचान करने के लिए एक महीने के अंदर विशेषज्ञ कमेटी का गठन करें। जस्टिस बीआर गवई की अध्यक्षता वाली बेंच ने निर्देश दिया कि विशेषज्ञ कमेटी छह महीने के अंदर वन संरक्षण एवं संवर्धन नियमावली के प्रावधान के तहत वन क्षेत्रों की पहचान की प्रक्रिया पूरी करे।
सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि उसके आदेशों का पालन नहीं करने वाले राज्यों के मुख्य सचिवों और प्रशासकों के खिलाफ कार्रवाई होगी। सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि वन संरक्षण एवं संवर्धन की नियमावली 16(1) के तहत सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को इन वन क्षेत्रों की पहचान कर रिकॉर्ड तैयार करना है। इसके बिना वन संरक्षण कानून लागू नहीं हो सकता है।
दरअसल सुप्रीम कोर्ट वन संरक्षण कानून में हुए संशोधनों को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई कर रहा है। एक याचिकाकर्ता की ओर से पेश वकील गोपाल शंकर नारायणन ने कहा कि वन संरक्षण कानून में संशोधन कर पेड़ों की कटाई के बदले पौधारोपण को सिद्धांत के रुप में मंजूरी मिली है। लेकिन वन क्षेत्र की पहचान किए बिना पेड़ों की कटाई नहीं होनी चाहिए।
(Udaipur Kiran) /संजय
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(Udaipur Kiran) / आकाश कुमार राय
