Haryana

झज्जर जिला में ग्रेप-2 सख्ती से लागू करने के निर्देश

झज्जर स्थित लघु सचिवालय सभागार में अधिकारियों की बैठक में जरूरी दिशा निर्देश देते डीसी कैप्टन शक्ति  सिंह।

झज्जर, 22 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । जिले में लगातार बढ़ते प्रदूषण स्तर के मद्देनजर, ग्रेप-टू (ग्रेडेड रिस्पांस एक्शन प्लान-2) लागू कर दिया गया है। इस संबंध में उपायुक्त कैप्टन शक्ति सिंह ने झज्जर में मंगलवार को संबंधित विभागों के अधिकारियों के साथ महत्वपूर्ण बैठक की। बैठक में उपायुक्त ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए कड़े उठाते हुए विभिन्न उपायों को सख्ती से लागू करने के निर्देश दिए। उद्योग नगरी बहादुरगढ़ में विशेष नजर रखने को कहा।

डीसी ने कहा कि बढ़ते प्रदूषण के कारण वायु गुणवत्ता (एक्यूआई) स्तर 300 पार जा चुका है और ऐसे में जिले में ग्रैप-2 के प्रतिबंध लागू हो चुके हैं।

इस मामले में सुप्रीम कोर्ट व एनजीटी भी सख्त हैं और वायु गुणवत्ता बेहतर करने के लिए सख्त कदम उठाने के निर्देश दिए गए हैं। उन्होंने बहादुरगढ़ व झज्जर नगर परिषदों को शहरों में धूल कणों को उडऩे से रोकने के लिए पानी का छिडक़ाव करवाने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि सभी शहरी क्षेत्रों में वाटर स्प्रिंकल करवाएं।

उन्होंने कृषि विभाग के अधिकारियों को किसानों में जागरूकता फैलाने को कहा। उन्होंने कहा कि अगर जिले में कहीं भी फसल अवशेष जलाने की सूचना मिले तो तुरंत कार्रवाई की जाए। अवशेष जलाने वाले किसानों के खिलाफ एनजीटी के साथ एफआईआर दर्ज करवाई जाए। इसके अलावा मार्केट में दुकानदारों को कचरा न जलाने के लिए जागरूक करें। अगर किसी मार्केट में ऐसी सूचना मिलती है तो तुरंत एक्शन लिया जाए। इस अवसर पर एसडीएम झज्जर रविंद्र यादव, एसडीएम बादली सतीश यादव, एसडीएम बहादुरगढ़ परमजीत सिंह चहल, प्रदूषण नियंत्रण विभाग के क्षेत्रीय अधिकारी शक्ति सिंह सहित संबंधित विभागों के अधिकारी उपस्थित थे।

उपायुक्त ने कहा कि स्कूल बच्चों को पराली जलाने से होने वाले नुकसान के बारे में जागरूक किया जाए। बच्चों के माध्यम से समाज में जागरूता फैलाना बेहद असरदार तरीका है। उन्होंने कहा कि बच्चों को जागरूक करने पर वह घर जाकर अपने अभिभावकों के साथ वहीं बाते साझा करते हैं और बच्चों की कही बातों का अभिभावकों पर काफी प्रभाव होता है। ऐसे में जिला शिक्षा अधिकारी को स्कूलों में जागरूकता अभियान चलाने के निर्देश दिए।

डीसी ने कहा कि बहादुरगढ़ क्षेत्र में इंडस्ट्रियल क्षेत्र में वेस्ट जालने के मामलों में सख्त कार्रवाई अमल में लाई जाए। उन्होंने कहा कि अगर किसी भी क्षेत्र में इंडस्ट्रियल वेस्ट जलने की सूचना मिलती है तो संबंधित अधिकारी तुरंत कार्रवाई करे। अगर किसी भी स्तर पर कार्रवाई में देरी की सूचना मिलती है तो संबंधित अधिकारी के खिलाफ कार्रवाई जाए। उन्होंने अफसरों को प्रदूषण सर्टिफिकेट के बगैर चलने वाले वाहनों पर कार्रवाई करने, ग्रीन पटाखों के बगैर अन्य पटाखों की बिक्री पर कार्रवाई करने, ईंट भट्टों पर निगरानी रखने, अनाधिकृत डीजल जनरेटर सेट पर कार्रवाई करने, मार्केट में वेस्ट खुले में जलाने पर सख्ती करने, किसानों में अवशेष प्रबंधन को लेकर जागरूकता फैलाने और रजिस्टर्ड गोशाला को ही पराली खरीदने का अधिकार देने के निर्देश दिए।

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(Udaipur Kiran) / शील भारद्वाज

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