नैनीताल, 13 नवंबर (Udaipur Kiran) । हाईकोर्ट ने सहायक प्रोफेसर पद की भर्ती प्रक्रिया में आरक्षण के ओवरलैपिंग के मामले में उत्तराखंड लोक सेवा आयोग को छह सप्ताह में अपना हलफनामा दाखिल करने के निर्देश दिए है। साथ ही पांच आरक्षित श्रेणी के अभ्यर्थियों को नोटिस जारी कर चार सप्ताह के भीतर अपना जवाब दाखिल करने का निर्देश दिया गया है। अगली सुनवाई अगले साल 17 फरवरी को तय की है।
कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश मनोज कुमार तिवारी व न्यायमूर्ति विवेक भारती शर्मा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार मनीषा पांडेय ने हाईकोर्ट में याचिका दायर की थी।याचिका में कहा कि एक बार आरक्षित श्रेणी के उम्मीदवार ने अकादमिक प्रदर्शन संकेतक स्कोर में कम कट-ऑफ का लाभ उठा लिया, तो उन्हें अनारक्षित सीट का लाभ नहीं मिल सकता। आरक्षण के ओवरलैपिंग के परिणामस्वरूप सार्वजनिक पदों पर अत्यधिक आरक्षण होगा, जिसके परिणामस्वरूप भारत के संविधान के अनुच्छेद-14 और 16 का उल्लंघन होगा।
डॉ. मनीषा ने आयोग की सामान्य श्रेणी में सरकारी डिग्री कॉलेज में सहायक प्रोफेसर (हिंदी) के पद के लिए उपस्थित हुईं। एपीआई कट-ऑफ स्कोर में 93 अंक हासिल था। एससी के लिए यह 47, ओबीसी के लिए 52 और ईडब्ल्यूएस के लिए 52 था।
(Udaipur Kiran) / लता