
नैनीताल, 17 मार्च (Udaipur Kiran) । हाई कोर्ट ने देहरादून के सहसपुर विकास खंड में पीएमजीएसवाई के अंतर्गत पुरुकुल से मितरली-किमाड़ी के बीच पहले से सड़क होने के बाद भी जंगल के बीच से दूसरी करीब दस किलोमीटर से अधिक लंबाई की सड़क के निर्माण के विरुद्ध दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद मसूरी के डीएफओ एवं उत्तराखंड ग्रामीण सड़क विकास एजेंसी के मुख्य अभियंता को 20 मार्च को व्यक्तिगत रूप से कोर्ट में पेश होने के निर्देश दिए हैं। कोर्ट ने आदेश में कहा कि अभिलेखों के साथ न्यायालय के समक्ष व्यक्तिगत रूप से उपस्थित होने के निर्देश के बार भी अधिकारी कोर्ट में पेश नहीं हुए।
मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र एवं न्यायमूर्ति आलोक मेहरा की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। सिटीजन आफ ग्रीन दून की ओर से दायर जनहित याचिका में कहा गया था कि देहरादून के सहसपुर विकास खंड में पीएमजीएसवाई के अंतर्गत पुरुकुल से मितरली-किमाड़ी के बीच पहले से सड़क होने के बाद भी जंगल के बीच से दूसरी करीब दस किलोमीटर से अधिक लंबाई की सड़क के निर्माण किया जा रहा है जो गलत है।
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(Udaipur Kiran) / लता
