नैनीताल, 23 सितंबर (Udaipur Kiran) । हाईकोर्ट ने बागेश्वर के तहसील कपकोट में खनन माफियाओं की ओर से अवैध रूप किए जा रहे खड़िया खनन के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद राज्य पर्यवारण विभाग को चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा है।
पूर्व में कोर्ट ने इस मामले में जनहित याचिका को यह कहते हुए निस्तारित कर दिया था कि स्टेट इन्वायरमेंट इम्पेक्ट असिसमेन्ट अथॉरिटी इसमें निर्णय लेगी। लेकिन इस आदेश को याचिकाकर्ता ने सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी। सुप्रीम कोर्ट ने इस मामले की फिर से सुनवाई के लिए हाईकोर्ट को वापस भेज दिया, साथ मे यह कहा कि खनन पर रोक जारी रहेगी। सुप्रीम कोर्ट के निर्देश पर आज कोर्ट ने फिर से मामले की सुनवाई करते हुए राज्य पर्यावरण विभाग से चार सप्ताह में जवाब पेश करने को कहा।
मुख्य न्यायाधीश रितु बाहरी एवं न्यायमूर्ति राकेश थपलियाल की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार बागेश्वर निवासी हीरा सिंह पपोला ने हाईकोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि बागेश्वर जिले की तहसील कपकोट के रिमाघाटी, गुलामप्रगड व भीयू गांव मे सरकार द्वारा खनन पट्टा दिया है। जिसमें खनन माफिया की ओर से मात्रा से अधिक अवैध खनन किया जा रहा है और अवैध खनन को बाहर ले जाने के लिए वन भूमि में अवैध रूप से सड़क भी बना ली है। अंधाधुंध हो रहे खनन के चलते गांव के जलस्रोत सूखने की कगार पर पहुंच चुके है। याचिकाकर्ता का कहना था कि अवैध रूप से किए जा रहे खनन से होने वाले दुष्प्रभाव से गांव को बचाया जाए।
(Udaipur Kiran) / लता