HEADLINES

हत्या में उम्रकैद काट रहे कैदी की समय पूर्व रिहाई पर निर्णय लेने का निर्देश

इलाहाबाद हाईकाेर्ट्

प्रयागराज, 22 मार्च (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने हत्या के अपराध में वाराणसी सेंट्रल जेल में बंद गोरखपुर के संग्राम पाल की रिहाई के प्रार्थना पत्र पर तीन महीने के भीतर निर्णय लेने का निर्देश दिया है।

यह आदेश न्यायमूर्ति एमसी त्रिपाठी एवं न्यायमूर्ति प्रशांत कुमार की खंडपीठ ने संग्राम पाल की याचिका को निस्तारित करते हुए दिया है। याची के अधिवक्ता के अनुसार याची को गोरखपुर के कैंट थाने के हत्या के मामले में सेशन कोर्ट ने वर्ष 2004 में आजीवन काराकास और पांच हजार रुपये हर्जाने की सजा सुनाई थी। हाईकोर्ट ने उसकी सजा बरकरार रखी और सुप्रीम कोर्ट से याची की एसएलपी खारिज हो चुकी है। एडवोकेट ने कोर्ट को बताया कि याची का नाम आवश्यक दस्तावेजों के साथ कैदी की समय पूर्व रिहाई के लिए राज्य सरकार द्वारा तैयार की गई नीति के अनुसार भेजा गया है। क्योंकि याची 74 वर्ष से अधिक आयु का है और वाराणसी सेंट्रल जेल के सीनियर सुपरिटेंडेंट द्वारा जारी प्रमाण पत्र के अनुसार याची 15 वर्ष दो माह और 29 दिन से अधिक समय से जेल में बंद है।

अधिवक्ता ने कहा कि सीआरपीसी की धारा 433/433 या बीएनएसएस 473/474 के तहत छूट का लाभ देते हुए याची को जेल से समय पूर्व रिहाई के लिए प्रस्ताव गत आठ फ़रवरी को दिया गया लेकिन यह अब भी विचाराधीन है। सुनवाई के बाद कोर्ट ने कहा कि यदि कोई ऐसी कार्यवाही शुरू की गई है और वह अब भी विचाराधीन है, तो उसे कानून के अनुसार निस्तारित किया जाना चाहिए। इसी के साथ कोर्ट ने याची की समय पूर्व रिहाई के प्रस्ताव पर तीन महीने के भीतर निर्णय लेने का निर्देश दिया।

—————

(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे

Most Popular

To Top