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सम्भल जामा मस्जिद की साफ सफाई कराने का निर्देश

इलाहाबाद हाईकाेर्ट्

–रंगाई पुताई का आदेश नहीं, अगली सुनवाई चार मार्च को

प्रयागराज, 28 फरवरी (Udaipur Kiran) । इलाहाबाद हाईकोर्ट ने एएसआई को सम्भल जामा मस्जिद की साफ सफाई कराने का निर्देश दिया लेकिन रंगाई पुताई के लिए आदेश नहीं दिया। कोर्ट ने मस्जिद की इंतजामिया कमेटी को अगली सुनवाई तक एएसआई की रिपोर्ट पर आपत्ति प्रस्तुत करने को कहा है। साथ ही अगली सुनवाई के लिए चार मार्च की तारीख लगाई है।

यह आदेश न्यायमूर्ति रोहित रंजन अग्रवाल ने संभल जामा मस्जिद की इंतजामिया कमेटी की याचिका पर सुनवाई करते हुए शुक्रवार को दिया है। शुक्रवार को सुनवाई के दौरान एएसआई ने रिपोर्ट प्रस्तुत की।

एएसआई के अधिवक्ता मनोज कुमार सिंह ने बताया कि निरीक्षण रिपोर्ट के साथ पूरक शपथ पत्र सोमवार तक ई-फाइल किया जाएगा। उन्होंने बताया कि मस्जिद के मुतवल्ली की उपस्थिति में निरीक्षण किया गया। निरीक्षण में पाया गया कि मस्जिद के अंदरूनी हिस्से काे सुनहरे लाल, हरे और पीले जैसे तेज रंगों के साथ मोटी परतों में एनामेल पेंट से पेंट किया गया है, जो स्मारक की मूल सतह को छुपा रहा था। निरीक्षण में यह बात भी सामने आई कि आधुनिक एनामेल पेंट अब भी अच्छी स्थिति में है। रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि प्रवेश द्वार के साथ प्रार्थना हॉल के पीछे और उत्तर की ओर स्थित कक्षों में कुछ खराब होने के संकेत हैं। इसके अलावा द्वार का लिंटल खराब हो गया है जिसे बदलने की आवश्यकता है।

रिपोर्ट में यह भी बताया गया कि कक्ष खस्ता हालत में हैं, खासकर छत जो लकड़ी के छप्पर से भी बनी है। उन्होंने बताया कि एएसआई की संरक्षण और विज्ञान शाखा इस संबंध में विस्तृत रिपोर्ट प्रस्तुत करेगी। जहां तक दैनिक रखरखाव यानी सफाई, धूल हटाना और स्मारक के आसपास की घासफूस को हटाने का सवाल है, एएसआई यह कार्य करेगा बशर्ते मस्जिद की इंतजामिया कमेटी एएसआई को ऐसा करने में कोई बाधा न डाले।

इस पर इंतजामिया कमेटी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता एसएफए नकवी ने कहा कि कमेटी केवल पुताई और रोशनी की व्यवस्था करना चाहती है। सुनवाई के बाद कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को परिसर में जमा धूल और घास साफ कराने का निर्देश दिया। वरिष्ठ अधिवक्ता एसएफए नकवी ने कहा कि वह रिपोर्ट पर आपत्ति प्रस्तुत करना चाहते हैं क्योंकि मस्जिद में रंगाई पुताई की आवश्यकता है, जो वार्षिक गतिविधि है। उन्होंने आश्वासन दिया कि सफाई के दौरान कोई बाधा उत्पन्न नहीं होगी। दूसरी ओर राज्य सरकार के महाधिवक्ता अजय मिश्र ने कहा कि कानून और व्यवस्था बनाए रखी जाएगी। एडवोकेट हरिशंकर जैन ने भी शपथ पत्र दाखिल के लिए मंगलवार तक का समय मांगा।

कोर्ट ने इंतजामिया कमेटी और हरिशंकर जैन को आपत्ति व शपथ पत्र के लिए समय देते हुए कहा कि एएसआई मस्जिद के आसपास की दैनिक रखरखाव यानी सफाई, धूल हटाने और घासफूस को हटाने का कार्य तुरंत करेगा। मस्जिद की इंतजामिया कमेटी से अपेक्षा की जाती है कि वह कोई बाधा नहीं पहुंचाएगी और एएसआई के कार्य में सहयोग करेगी। इसके अलावा यह स्पष्ट किया जाता है कि जब एएसआई द्वारा सफाई का कार्य किया जा रहा होगा तो प्रशासन का कोई भी व्यक्ति हस्तक्षेप नहीं करेगा। कोर्ट ने पूर्व में पारित अंतरिम आदेश को भी अगली सुनवाई तक बढ़ा दिया।

इससे पहले गुरुवार को कोर्ट ने भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण को तीन अधिकारियों की कमेटी बनाकर संभल में जामा मस्जिद का निरीक्षण करने का निर्देश दिया था। कमेटी में मेरठ परिक्षेत्र के संयुक्त महानिदेशक मदन सिंह चौहान, निदेशक स्मारक जुल्फेकार अली, अधीक्षण पुरातत्वविद विनोद सिंह रावत और मस्जिद के मुतवल्ली भी शामिल थे। कोर्ट ने कमेटी को शुक्रवार सुबह 10 बजे तक अपनी रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया था।

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(Udaipur Kiran) / रामानंद पांडे

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