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सुप्रीम कोर्ट का सभी राज्यों को निर्देश- पुलिस आरोपितों को नोटिस भेजने में कानूनी तरीके ही अपनाए  

सुप्रीम कोर्ट

– पुलिस आरोपितों को व्हाट्सएप के जरिए नोटिस नहीं भेज सकती

नई दिल्ली, 28 जनवरी (Udaipur Kiran) । सुप्रीम कोर्ट ने साफ किया है कि पुलिस आरोपितों को भारतीय दंड प्रक्रिया संहिता या भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के तहत इलेक्ट्रॉनिक उपकरणों के जरिये नोटिस नहीं भेज सकती है। जस्टिस एमएम सुंदरेश की अध्यक्षता वाली बेंच ने सभी राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों को निर्देश दिया कि वे पुलिस को अपराध प्रक्रिया संहिता की धारा 41ए या भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता की धारा 35 के तहत नोटिस भेजने के लिए केवल वही तरीके अपनाएं, जिनकी कानून में अनुमति हो।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि व्हाट्स ऐप या दूसरे इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से नोटिस भेजना अपराध प्रक्रिया संहिता या भारतीय नागरिक सुरक्षा संहिता के प्रावधानों का विकल्प नहीं हो सकता है। सुप्रीम कोर्ट की ओर से नियुक्त एमिकस क्यूरी सिद्धार्थ लूथरा ने इस बात पर कोर्ट का ध्यान आकृष्ट किया कि अपराध प्रक्रिया संहिता की 41ए के तहत व्हाट्स ऐप के जरिये भेजे गए नोटिस में आरोपी जांच अधिकारी के सामने पेश नहीं हुए। लूथरा ने कहा कि पुलिस को स्थापित कानूनी प्रावधानों को नजरअंदाज कर व्हाट्स ऐप या दूसरे इलेक्ट्रॉनिक माध्यमों से नोटिस नहीं भेजना चाहिए, बल्कि उन्हें सामान्य तरीके का पालन करना चाहिए। सुप्रीम कोर्ट ने सभी हाई कोर्ट को निर्देश दिया कि वे अपनी कमेटियों की बैठक करके इस फैसले का पालन सुनिश्चित करें। इस फैसले से सम्बंधित अनुपालन रिपोर्ट हर महीने संबंधित अधिकारियों की ओर से पेश की जाए।

(Udaipur Kiran) /संजय———-

(Udaipur Kiran) / सुनीत निगम

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