कठुआ, 22 जुलाई (Udaipur Kiran) । राष्ट्रीय खाद्य सुरक्षा अधिनियम के लाभार्थियों के डेटा की सटीकता और अखंडता सुनिश्चित करने के लिए एक ठोस प्रयास में कठुआ के उपायुक्त डॉ. राकेश मिन्हास ने अयोग्य लाभार्थियों को बाहर करने की चल रही कवायद में प्रगति की समीक्षा करने के लिए एक बैठक की अध्यक्षता की।
डीसी ने सरकार द्वारा अधिसूचित एनएफएसए लाभार्थी सूची के शुद्धिकरण और अयोग्य लाभार्थियों को हटाने में अब तक की गई उपलब्धियों का प्रत्यक्ष मूल्यांकन किया। उन्होंने घर-घर जाकर गहन सर्वेक्षण करने में खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता मामले विभाग के अधिकारियों, बीडीओ और तहसीलदारों के बीच समन्वय के महत्व पर जोर दिया। उन्होंने कहा कि एनएफएसए डेटा से अयोग्य नामों की सटीक पहचान और बाद में उन्हें हटाने के लिए ये सर्वेक्षण आवश्यक हैं। उपायुक्त ने त्रुटि मुक्त डेटा प्राप्त करने के लक्ष्य के साथ अभियान की सफलता सुनिश्चित करने में पंचायत सचिवों और पटवारियों की महत्वपूर्ण भूमिकाओं पर प्रकाश डाला।
बैठक के दौरान यह पता चला कि इस प्रक्रिया में 1.5 लाख से अधिक परिवारों के डेटा को प्रमाणित किया जाएगा, जिसका लक्ष्य पूरा होने की तारीख 28 जुलाई निर्धारित की गई है। इस समय सीमा को पूरा करने के लिए सभी हितधारकों की सक्रिय भागीदारी महत्वपूर्ण है। उपायुक्त ने अधिकारियों को सरकार की अधिसूचना के अनुसार सभी सरकारी कर्मचारियों और अन्य अयोग्य श्रेणियों को एनएफएसए लाभार्थी सूची से बाहर करना सुनिश्चित करने का निर्देश दिया। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि लाभ के किसी भी दुरुपयोग को रोकने और यह सुनिश्चित करने के लिए यह आवश्यक है कि योजना के संसाधनों का कुशलतापूर्वक और प्रभावी ढंग से उपयोग किया जाए और केवल वास्तविक लाभार्थियों तक ही पहुंचाया जाए। निर्बाध और कुशल निष्पादन सुनिश्चित करने के लिए, उपायुक्त ने एसीआर, एसीडी और एडी एफसीएस और सीए कठुआ को सभी क्षेत्रीय पदाधिकारियों के बीच तालमेल को बढ़ावा देने की जिम्मेदारी सौंपी। सद्भाव में काम करके, यह सहयोगात्मक प्रयास एनएफएसए डेटा की सटीकता और अखंडता की गारंटी देगा, जिससे जिले के सही लाभार्थियों को लाभ होगा।
(Udaipur Kiran)
(Udaipur Kiran) / सचिन खजूरिया / बलवान सिंह