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ग्रामवासियों का रास्ता खोलकर रिपोर्ट कोर्ट में पेश करने के निर्देश, सुनवाई जारी

नैनीताल हाईकोर्ट।

नैनीताल, 04 अप्रैल (Udaipur Kiran) । हाई कोर्ट ने बर्ड सेंचुरी के नाम से फेमस नैनीताल जिले के पंगूट क्षेत्र का बुढपंगूट के लोगों का ब्रिटिश कालीन रास्ता वन विभाग की ओर से बंद किए जाने के मामले में दायर जनहित याचिका पर सुनवाई के बाद डीएफओ को कड़ी फटकार लगाते हुए कहा कि कल तक ग्रामवासियों का रास्ता खोलकर अपनी रिपोर्ट कोर्ट में पेश करें। कोर्ट ने मामले की सुनवाई जारी रखी है।

मुख्य न्यायाधीश जी नरेंद्र एवं न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित की खंडपीठ के समक्ष मामले की सुनवाई हुई। मामले के अनुसार बुढ पंगूट निवासी भावना व प्रेमलता बुधलाकोटी ने हाई कोर्ट में जनहित याचिका दायर कर कहा था कि वन विभाग ने बर्ड सेंचुरी के नाम पर उनका ब्रिटिश कालीन आम रास्ता बंद कर दिया गया है, जबकि यह रास्ता एक बढ़िया है। बर्ड सेंचुरी बाद में घोषित हुई है। जनहित याचिका में कहा कि वन विभाग ने एक बिल्डर को लाभ पहुंचाने के लिए यह निर्णय लिया है। बिल्डर ने वन विभाग की भूमि पर अवैध रोड का निर्माण तक करा लिया है। पूर्व में भी विभाग ने इसी तरह का निर्णय लेकर एक अन्य गांव का रास्ता बंद कर दिया था। जिसको भी कोर्ट ने खोलने के आदेश दिए थे। याचिका में कहा कि उनके वहां कई तरह के मरीज है लेकिन रास्ता बंद होने के कारण वे लोग उपचार करने के लिए गांव से बाहर नही जा पा रहे हैं। इसलिए इस प्रतिबंध को हटाया जाय। इसके जवाब में संबं​धित डीएफओ ने कोर्ट में पेश होकर विभाग का पक्ष रखते हुए कहा कि रास्ता एनजीटी के आदेश पर बंद किया गया है। इसका विरोध करते हुए ग्राम वासियों की तरफ से कहा कि वे प्रकृति प्रेमी है। इसलिए वे अपने मवेशियों को चराने के लिए जंगल नही छोड़ते है। क्योंकि यह एक आरक्षित वन क्षेत्र घोषित है। उसकी रक्षा करना उनकी जिमेदारी है। जब आग लगती है। ग्रामवासी ही फर्स्ट फायर मैन की तरह कार्य करते है। अधिकारी तो आग लगने के बाद उसकी जानकारी लेने आते है। अब उनका ही रास्ता बंद कर दिया है हम ग्रामवासी कहा जाएं।

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(Udaipur Kiran) / लता

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