

मुंबई/नई दिल्ली, 27 फरवरी (Udaipur Kiran) । केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने गुरुवार को उद्योग जगत से साहसी बनकर सरकार पर निर्भर रहने के बजाय प्रतिस्पर्धी बनने पर अपना ध्यान केंद्रित करने का आह्वान किया है। उन्होंने स्पष्ट किया कि प्रतिस्पर्धात्मकता उद्योग की नवप्रवर्तन विनिर्माण पद्धतियों, कौशल और दक्षताओं के उन्नयन की क्षमता से आएगी।
केंद्रीय वाणिज्य मंत्री मुंबई में आईएमसी चैंबर ऑफ कॉमर्स के आयोजित एक कार्यक्रम को संबोधित करते हुए यह बात कही। पीयूष गोयल ने पूछा कि उद्योग कब तक सब्सिडी, उच्च आयात शुल्क और इसी तरह के अन्य संरक्षणवादी उपायों की बैसाखी पर निर्भर रहेगा। केंद्रीय मंत्री ने कहा कि हमें एक राष्ट्र के रूप में इस संरक्षणवादी मानसिकता और कमजोर सोच से बाहर निकलने का फैसला करना होगा। उन्होंने कहा कि जब तक हम प्रतिस्पर्धी नहीं बनेंगे, तब तक 140 करोड़ भारतीयों की आकांक्षाएं सफल नहीं होंगी और हम विकसित देश बनने का लक्ष्य हासिल नहीं कर पाएंगे। ‘विकासशील भारत 2047 का मार्ग: सभी के लिए समृद्धि की ओर अग्रसर’ विषय पर उन्होंने इस बात पर प्रकाश डाला कि कैसे भारत वैश्विक आर्थिक विकास की कहानी में एक प्रमुख खिलाड़ी है और विभिन्न क्षेत्रों में वैश्विक निवेशकों के लिए बेजोड़ अवसर प्रदान करता है।
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(Udaipur Kiran) / प्रजेश शंकर
