देहरादून, 21 जुलाई (Udaipur Kiran) । पैगंबर मुहम्मद साहब आखिरी रसूल व नबी है, उनके बाद कोई नया रसूल या नबी दुनिया में नही आएगा, यही तमाम मुसलमानों का अकीदा है, अगर कोई इस अकीदे के बाहर जाकर, किसी व्यक्ति को नबी या रसूल मानता है, तो वह इस्लाम से खारिज माना जाएगा।
यह बातें रविवार को मदरसा जामीअतुस्सलाम अल इस्लामिया आजाद कॉलोनी में शहर काजी मौलाना मौहम्मद अहमद कासमी की अध्यक्षता में आयोजित बैठक में जमीअत के जिला अध्यक्ष मुफ्ती रईस अहमद कासमी ने कही। उन्होंने कहा कि कुछ असमाजिक तत्व बिहार में पैदा होने वाले शकील बिन हनीफ को ईसा मसीह और इमाम मेहदी व नया नबी कह कर प्रचारित कर रहे हैं, जबकि इमाम मेहदी भारत नहीं मक्का में पैदा होंगे और ईसा अलेहीस्सलाम का जहूर दमिश्क में होगा, वहीं शकील बिन हनीफ बिहार के दरभंगा में पैदा हुआ है, तो वह कैसे इमाम मेहदी हो सकता है। इसलिये शकील बिन हनीफ को ईसा मसीह और इमाम मेहदी या नबी कह कर प्रचारित करना पैगंबर मुहम्मद साहब की शान में गुस्ताखी है और उनकी शिक्षाओं के खिलाफ है।
समाजिक कार्यकर्ता खुर्शीद अहमद ने कहा कि शकील बिन हनीफ को मानने वाले देश के लिये खतरा हैं, क्योंकि कुछ दिन पहले ही शकील बिन हनीफ के औरंगाबाद स्थित ठिकाने से असलहा तक बरामद किये गये हैं ओर शकील बिन हनीफ फरार है।
इस अवसर पर शहर काजी मौलाना मौहम्मद अहमद कासमी के उस्ताद मौलाना अब्दुल कदीरखराज-ए-अकिदत पेश की गई।
बैठक में जमीअत के जिला महासचिव मौलाना मासूम क़ासमी, जिला अध्यक्ष मौलाना नसीबुद्दीन क़ासमी, मुफ्ती अयाज़ अहमद, मौलाना अब्दुल मन्नान, मौलाना एजाज़ क़ासमी, मुफ्ती बुरहान रब्बानी क़ासमी, मास्टर अब्दुल सत्तार, मुफ्ती रागिब क़ासमी, मौलाना सुफियान क़ासमी, मुफ्ती राशिद फलाही, मौलाना अब्दुल वाजिद, कारी अकरम, मुफ्ती ताहिर क़ासमी, मुफ्ती नसीम क़ासमी, मौलाना असअद, कारी एहसान, मौलाना हाशिम उमर, तौसीफ खान, मौलाना एहतेशाम क़ासमी, कारी आरिफ, मौलाना अज़मत क़ासमी, कारी अबुल फ़ज़ल, मौलाना अमानतुल्लाह, कारी रागिब, मुस्लिम सेवा संगठन से नईम कुरैशी, आक़िब कुरैशी आदि मौजूद रहे।
(Udaipur Kiran) / राजेश कुमार / वीरेन्द्र सिंह