– विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति के आहवान पर मार्च 2023 में हुए आंदोलन के नाम पर संविदा कर्मचारियों को कार्य से वंचित कर दिया गया था
मुरादाबाद, 17 अक्टूबर (Udaipur Kiran) । पश्चिमांचल विद्युत संविदा मजदूर संघ से संबद्ध पश्चिमांचल विद्युत संविदा मजदूर संघ विद्युत विभाग में कार्यरत संविदा कर्मियों के शोषण का आरोप लगाते हुए दूसरे दिन गुरुवार को भी प्रदर्शन किया। प्रदर्शनकारियों ने जिलाधिकारी के माध्यम से प्रधानमंत्री को ज्ञापन भेजा।
भारतीय मजदूर संघ के विभाग प्रमुख अरुण गौड़ ने कहा कि उत्तर प्रदेश पावर कॉरपोरेशन लिमिटेड के अधीनस्थ पश्चिमांचल विद्युत वितरण निगम अंतर्गत बाह्य एजेंसी के माध्यम से कार्यरत आउटसोर्सिंग संविदा कर्मचारियों की 7 सूत्रीय समस्याओं के निस्तारण के संबंध में ज्ञापन दिया गया।
उन्होंने आगे कहा कि विद्युत कर्मचारी संघर्ष समिति के आह्वान पर मार्च 2023 में हुए आंदोलन के नाम पर निर्दोष संविदा कर्मचारियों को कार्य से वंचित कर दिया गया था, इनकी जांच करते हुए इन सभी कर्मचारियों को पुनः कार्य पर वापस लिया जाए।
उन्होंने कहा कि संविदा कर्मियों को पिछले 5 वर्षों का बोनस, बोनस भुगतान अधिनियम 1965 के तहत दिलवाया जाए। श्रम नियम कानून के विपरीत 55 वर्ष की आयु में काम से वंचित करने वाले कर्मचारियों को पुनर्स्थापित किया जाए। आउटसोर्सिंग एजेंसियों द्वारा स्थानांतरण एवं छटनी के नाम पर किए जा रहे धन उगाही के कार्य एवं शोषण के विरुद्ध जांच कर कार्यवाही की जाए।
जिलाध्यक्ष चंद्रभान सिंह ने कहा कि सरकार ने संघ के न्यायोचित मांगों को नहीं माना तो पूरे प्रदेश में आंदोलन किया जाएगा, उसकी पूरी जिम्मेदारी सरकार की होगी।
(Udaipur Kiran) / निमित कुमार जयसवाल