Jammu & Kashmir

आतंकवाद विरोधी अभियान में निर्दोष नागरिकों को नुकसान नहीं उठाना चाहिए: हकीमयासीन

श्रीनगर, 27 अप्रैल (Udaipur Kiran) । जम्मू-कश्मीर पीपुल्स डेमोक्रेटिक फ्रंट (पीडीएफ) के अध्यक्ष और पूर्व मंत्री हकीम मुहम्मद यासीन ने रविवार को दोहराया कि आतंकवाद किसी भी मुद्दे का समाधान नहीं है और जम्मू-कश्मीर के लोग आतंकवाद को खत्म करने और स्थायी शांति बहाल करने के लिए प्रशासन के चल रहे प्रयासों का पूरा समर्थन करते हैं।

हकीम यासीन ने कहा कि तीन दशकों से अधिक समय से आतंकवाद के संकट ने इस क्षेत्र में अनकहा दुख लाया है जिससे व्यापक बेरोजगारी, गरीबी और सामाजिक और आर्थिक जीवन में व्यवधान आया है।

उन्होंने कहा जम्मू-कश्मीर के लोगों को हिंसा के कारण काफी नुकसान उठाना पड़ा है। हम आतंकवाद को खत्म करने और हमारे युवाओं के लिए एक सुरक्षित समृद्ध भविष्य सुनिश्चित करने के उद्देश्य से सभी उपायों के साथ मजबूती से खड़े हैं।

हालांकि हकीम यासीन ने इस बात पर जोर दिया कि आतंकवाद के खिलाफ कड़ी कार्रवाई जरूरी है लेकिन इसे सावधानी और संवेदनशीलता के साथ लागू किया जाना चाहिए।

जिन निर्दोष नागरिकों की आतंकवाद में कोई संलिप्तता नहीं है उन्हें पीड़ित नहीं किया जाना चाहिए। उन्होंने आगाह किया उन परिवारों के घरों को ध्वस्त करने से जिनका उग्रवादी गतिविधियों से कोई सीधा संबंध नहीं है अनावश्यक आक्रोश पैदा हो सकता है और शांति की दिशा में किए गए लाभ बर्बाद हो सकते हैं।’

उन्होंने बताया कि कश्मीर के युवाओं और समाज के एक बड़े वर्ग ने हिंसा को पूरी तरह से खारिज कर दिया है और मुख्यधारा में लौट आया है। उन्होंने कहा यह महत्वपूर्ण है कि प्रशासन आतंकवाद में शामिल लोगों और शांति और लोकतंत्र अपनाने वालों के बीच अंतर करे। जिन लोगों ने सुलह का रास्ता चुना है उन्हें प्रोत्साहित किया जाना चाहिए,

न कि अलग-थलग किया जाना चाहिए।

प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी और गृह मंत्री अमित शाह से अपील करते हुए हकीम यासीन ने सरकार से यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया कि आतंकवाद विरोधी अभियान उचित, वैध और मानवीय तरीके से चलाए जाएं।

हकीम यासीन ने दोहराया कि जम्मू-कश्मीर के लोग शांति और विकास के लिए प्रतिबद्ध हैं और उठाए गए हर कदम से विश्वास का यह बंधन मजबूत होना चाहिए।

(Udaipur Kiran) / रमेश गुप्ता

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