
बीकानेर, 18 फ़रवरी (Udaipur Kiran) । उत्तर-पश्चिम रेलवे के बीकानेर रेल मंडल पर यात्रियों को श्रेष्ठ सुविधा उपलब्ध कराने के उद्देश्य से अब एआई तकनीकी सेंसर का उपयोग किया जा रहा है। इसके तहत अब ट्रेन के कोच में पानी कम या खत्म होने पर सेंसर के माध्यम से तुरंत पता चलेगा, जिससे तुरंत समस्या का समाधान किया जा सकेगा।
वरिष्ठ मंडल वाणिज्य प्रबंधक, बीकानेर भूपेश यादव के अनुसार बीकानेर मंडल पर इस एआई सेंसर तकनीकी का उपयोग नांदेड़- श्रीगंगानगर ट्रेन में किया जा रहा है। इस एआई तकनीकी का नाम हाइड्रोस्टेटिक वाटर लेवल सेंसर है।
इस एआई सेंसर तकनीकी में पानी टंकी में कम होने पर बाथरूम के पास लगी लाइट सेंसर के माध्यम से जलती है, यदि टंकी में पानी 100 प्रतिशत है तो सबसे ऊपर वाली बत्ती जो 100 के सामने है, जलेगी। इसी प्रकार 75 प्रतिशत पानी होने पर 75 के सामने वाली बत्ती जलेगी, 50 प्रतिशत पानी होने पर 50 के सामने वाली बत्ती जलेगी, 25 प्रतिशत पानी होने पर 25 के सामने वाली बत्ती जलेगीI इससे पता चलता है कि हमारी ट्रेन की टंकी में कितना प्रतिशत पानी वर्तमान में है, कम पानी होने की स्थिति में इसमें उचित स्टेशन पर पानी भर दिया जाता है। यह सेंसर पानी के प्रेशर के माध्यम से लाइटों (बत्ती) को सिग्नल भेजता है, जिससे संबंधित लाइट की बत्ती जल जाती है और टैंक में पानी की वर्तमान स्थिति का पता चलता है। वर्तमान में ट्रेनों के कोच में डिब्बे के ऊपर और नीचे पानी के टैंक स्थापित किए गए हैं, नीचे स्थित पानी के टैंक में पानी ऊपर उठाने के लिए मोटर का उपयोग किया जाता है तथा ऊपर स्थापित वाटर टैंक में किसी प्रकार की मोटर का उपयोग नहीं किया जाता है।
इस सेंसर के उपयोग से रेलवे व यात्रियों को हो रहा लाभ:- इस सेंसर के उपयोग से ट्रेन के जिन कोचों में पानी कम है उन कोचों में आईडेंटिफाई कर पानी भरा जाता है जिससे समय की बचत होती है , इससे यात्री निश्चित समय पर अपने गंतव्य तक पहुंचते हैं। साथ ही पानी के ओवरफ्लो की संभावनाएं कम होती हैं और पानी का सदुपयोग भी होता है।
इससे यात्री आरामदायक तरीके से अपनी यात्रा पूर्ण करते हैं।
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(Udaipur Kiran) / राजीव
