
जयपुर, 8 मई (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट ने राज्य सरकार से कहा है कि वह 14 मई तक इस साल आत्महत्या करने वाले विद्यार्थियों की जानकारी अदालत में पेश करे। वहीं अदालत ने कहा कि आगामी सुनवाई पर कानून बनने तक गाइड लाइन को लागू करने पर विचार किया जाएगा। सीजे एमएम श्रीवास्तव और जस्टिस मुकेश राजपुरोहित की खंडपीठ ने यह आदेश कोचिंग सेंटर के विद्यार्थियों की ओर से आत्महत्या करने के मामले में लिए स्वप्रेरित प्रसंज्ञान पर सुनवाई करते हुए दिए।
सुनवाई के दौरान न्यायमित्र सुधीर गुप्ता ने कहा कि कोचिंग सेंटरों के विद्यार्थियों की ओर से आत्महत्या करने का सिलसिला चल रहा है। इस साल अब तक 14 विद्यार्थियों की मौत की जानकारी मिल रही है। इस पर केन्द्र सरकार ने कहा कि इस संख्या का सत्यापन करने की आवश्यकता है। वहीं राज्य सरकार की ओर से महाधिवक्ता राजेन्द्र प्रसाद ने कहा कि मामले में कानून लाने की प्रक्रिया चल रही है। ऐसे में मामले की सुनवाई टाली जाए। दूसरी ओर कोचिंग सेंटरों की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता पारस कुहाड ने कहा कि कानून बनने की प्रक्रिया लंबित होने के कारण अदालत को इसमें दखल नहीं देनी चाहिए। इसके अलावा केन्द्र सरकार की ओर से एएसजी राजदीपक रस्तोगी ने कहा कि केन्द्र सरकार ने कोचिंग सेंटरों के लिए 16 जनवरी, 2014 को गाइड लाइन जारी की जा चुकी है और उसे राज्य सरकार अपनाने का निर्णय भी कर चुकी है। जिस पर सुनवाई करते हुए खंडपीठ ने इस साल आत्महत्या करने वाले विद्यार्थियों की जानकारी पेश करने को कहा है।
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(Udaipur Kiran)
