जयपुर, 9 सितंबर (Udaipur Kiran) । राजस्थान हाईकोर्ट में सोमवार को राज्य सरकार ने हेरिटेज नगर निगम की मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ भ्रष्टाचार से जुडे मामले में अभियोजन स्वीकृति जारी करने की जानकारी पेश की। वहीं अदालत ने राज्य सरकार को मौखिक रूप से चालान पेश करने के लिए मामले की सुनवाई दो सप्ताह के लिए टाल दी है। जस्टिस नरेन्द्र सिंह की एकलपीठ ने यह आदेश सुधांशु सिंह की आपराधिक याचिका पर सुनवाई करते हुए दिए।
सुनवाई के दौरान अदालती आदेश की पालना में डीएलबी निदेशक वीसी के जरिए अदालत में पेश हुए। इस दौरान राज्य सरकार की ओर से अतिरिक्त महाधिवक्ता जीएस गिल ने अदालत को बताया कि गत 6 सितंबर को मेयर मुनेश गुर्जर के खिलाफ अभियोजन स्वीकृति जारी कर दी गई है। वहीं याचिकाकर्ता के अधिवक्ता अनुराग शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार ने चार महीने से मामले में कोई भी कार्रवाई नहीं की है। जिस पर अदालत ने कहा कि दो सप्ताह का समय इसलिए ही दिया जा रहा है कि मामले में चालान पेश किया जा सके। इसके साथ ही अदालत ने डीएलबी निदेशक को व्यक्तिगत तौर पर पेशी से भी छूट दे दी। गत सुनवाई को अदालत ने कहा था कि जब मुनेश के खिलाफ जुर्म प्रमाणित मान लिया गया है तो अभियोजन स्वीकृति पर निर्णय क्यों नहीं किया गया। याचिका मे कहा गया है कि पीसी एक्ट की धारा 19 के तहत यह प्रावधान है कि अभियोजन मंजूरी से जुडे मामलों में तीन माह में निर्णय किया जाएगा और यदि इसमें कानूनी राय लेनी तो एक माह का अतिरिक्त समय लिया जा सकता है। इसके बावजूद चार माह बीतने के बाद भी अब तक मुनेश की अभियोजन स्वीकृति पर कोई कार्रवाई नहीं की जा रही है। गौरतलब है कि मुनेश के पति सुशील गुर्जर की ओर से नगर निगम के पट्टे जारी करने की एवज में रिश्वत मांगने से जुडे मामले में एसीबी ने सुशील को गिरफ्तार किया था। वहीं मुनेश को मेयर पद से निलंबित किया गया था, हालांकि बाद में हाईकोर्ट ने निलंबन रद्द कर दिया था।
—————
(Udaipur Kiran)